(और इनकी सुनिए…) ‘डेंग्यू, मलेरिया, कोरोना की भांति ही सनातन धर्म को भी नष्ट करना है !’ –  उदयनिधि

तमिलनाडू के मुख्यमंत्री स्टैलिन के पुत्र उदयनिधि का ‘सनातन निर्मूलन परिषद’ में हिन्दुद्वेषी वक्तव्य !

तमिलनाडू के मुख्यमंत्री स्टैलिन के पुत्र उदयनिधि

चेन्नई (तमिलनाडू) – तमिलनाडू के मुख्यमंत्री एम.के. स्टैलिन के पुत्र, एवं राज्य के युवक कल्याण तथा क्रिडा मंत्री उदयनिधि स्टैलिन द्वारा २ सितंबर को ‘सनातन निर्मूलन परिषद’ में सनातन धर्म की तुलना डेंग्यू, मलेरिया एवं कोरोना नामक रोगों से की गई है । उन्होंने कहा, ‘‘सनातन धर्म सामाजिक न्याय एवं समता के विरुद्ध है । कुछ बातों का विरोध नहीं कर सकते । उनको नष्ट करना होता है । हम डेंग्यू, मलेरिया अथवा कोरोना का विरोध नहीं कर सकते । उनको नष्ट ही करना चाहिए, ठीक उसी प्रकार सनातन धर्म को भी नष्ट करना है ।’’

इस कार्यक्रम में उदयनिधि स्टैलिन के साथ द्रमुक के (द्रविड मुन्नेत्र कडघम के – द्रविड प्रगति संघ के) अन्य अनेक नेता भी सहभागी हुए थे । राज्य के मानवी संसाधन विकासमंत्री पी.के. शेखरबाबू भी सम्मिलित हुए थे ।

(और इनकी सुनिए…) ‘भगवा धमकियों से भयभीत नहीं होंगे !’

‘एक्स’ (पूर्व का ट्विटर) इस सामाजिक माध्यम पर ‘लीगल राईट्स ऑब्जर्वेटरी’ नाम के खाते से किए गए ट्वीट में वे उदयनिधि स्टैलिन पर वैधानिक कार्रवाई करने का विचार कर रहे हैं । इस ट्वीट का उदयनिधि ने रिट्वीट कर प्रत्युत्तर दिया है । उन्होंने कहा, ‘‘मैं किसी भी वैधानिक चुनौती के लिए तैयार हूं । ऐसी भगवी धमकियों से हमें भय नहीं लगता है । हम पेरियार (तमिलनाडू के नास्तिकतावादी विचारवंत) एवं अण्णा (अण्णादुराई – भूतपूर्व द्रविड नेता) के अनुयायी हैं । मुख्यमंत्री एम.के. स्टैलिन के नेतृत्व में सामाजिक न्याय बनाए रखने के लिए संघर्ष करते रहेंगे । मैं आज, कल एवं सदैव कहूंगा कि, द्रविड भूमि से सनातन धर्म को रोकने का हमारा संकल्प किंचित भी अल्प नहीं होगा ।’’

क्या ‘इंडिया’ गठबंधन की बैठक में यह तय हुआ था ? – भाजपा का प्रश्‍न

भाजपा के नेता अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए कहा, वे ‘सनातन धर्म माननेवाले देश के ८० प्रतिशत जनसंख्या को नष्ट करने की बोली बोल रहे हैं । द्रमुक विरोधी दल की प्रमुख तो कांग्रेस की सहकारी पार्टी है । मालवीय ने प्रश्न उठाया है कि, ‘क्या स्टॅलिन के वक्तव्य पर मुंबई की बैठक में एकमत हुआ था ?’

भाजपा के तमिलनाडू प्रदेशाध्यक्ष अण्णामलाई ने कहा कि, ‘उदयनिधि स्टैलिन, आपके विचार आपके पिताजी अथवा ईसाई मिशनरियों द्वारा उधार लिए गए है ।’

राजनीति में धर्म लाने के लिए भाजपा के नेता ही उत्तरदायी हैं ! – कांग्रेस

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने आलोचना करते हुए कहा ‘‘हमारा संविधान धर्मनिरपेक्ष है । देश में सभी धर्म के लोग रहते हैं; परंतु पिछले ९ वर्ष से भाजपा धर्म की राजनीति कर रही है । इसीलिए अब कोई भी खडा होता है एवं धर्म के विषय में अनर्गल बकवास करता है । अब जिन्होंने वक्तव्य दिया है, वह चूक है; परंतु राजनीति में धर्म लाने के लिए भाजपा के नेता ही उत्तरदायी हैं ।’’ (इसे कहते है, ‘चोर को छोडकर संन्यासी को फांसी !’ – संपादक)

सौजन्य: TV9 Bharatvarsh

उदयनिधि स्टैलिन के वक्तव्य पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि, ‘‘हमारी नीति स्पष्ट है । हम किसी भी धर्म की आलोचना नहीं करना चाहते । साथ ही किसी की भी भावनाएं आहत करना नहीं चाहते ।’’

युगों से सनातन धर्म का अस्तित्व ! – आचार्य सत्येंद्र दास

श्रीरामजन्मभूमि के श्रीराममंदिर के प्रमुख पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि, ‘सनातन धर्म को किसी भी किमत पर नष्ट नहीं कर सकते । युगों से सनातन धर्म का अस्तित्व है एवं रहेगा । उदयनिधि को सनातन धर्म का अर्थ ही ज्ञात नहीं है । वे जो कुछ बोल रहे है, वह अनुचित है ।

सनातन निर्मूलन परिषद के विरुद्ध परिवाद प्रविष्ट

भारत हिन्दू मुन्नानी के राज्य समन्वयक डी. रामकृष्णन ने इस परिषद के विरुद्ध एवं उसके आयोजक वीरामानी, सेंथिलनाथन, जगदीश्‍वरन बूपलन एवं रोहिणी के विरुद्ध चेन्नई पुलिस आयुक्त कार्यालय में लिखित परिवाद प्रविष्ट किया है । यह परिवाद आगे की कार्रवाई के लिए जिलाधिकारी के पास भेजा गया है । हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ता मुथारसू ने यह परिवाद करने में सहायता की है ।

मुख्यमंत्री डॉ. सावंत का विरोधकों के विरुद्ध संगठित होने का आवाहन

विरोधी ‘इंडिया’ गठबंधन को भी लक्ष्य बनाया !

डॉ. प्रमोद सावंत

गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने स्टालिनपुत्र उदयनिधि स्टालिन के वक्तव्य का खंडन करते हुए हिन्दू धर्मियों को इसके विरोध में संगठित होने का आवाहन किया है । उन्होंने अपने ट्विटर खाते से उदयनिधि स्टालिन को प्रत्त्युत्तर दिया है । उन्होंने कहा है, ‘अंत में ‘इंडिया’ गठबंधन का हिन्दू धर्म के संदर्भ में सच्चा द्वेष उभरकर बाहर आया है । उदयनिधि स्टालिन का वक्तव्य अत्यंत निषेधजनक एवं अविवेकपूर्ण है । सनातन धर्म ‘नित्य नूतन’, काल के अनुसार परिवर्तनशील एवं सत्य का शोध करने के लिए प्रत्येक को अपने मार्ग पर चलने की अनुमति देनेवाला एवं भाव प्रतिबिंबित करनेवाला धर्म है । हमें स्वामी विवेकानंदजी से प्रेरणा लेनी चाहिए । भारत के चिरंतन हित के लिए सनातन धर्म की भावनाओं का संरक्षण करना चाहिए । उसके लिए उठो, जागृत हो एवं संगठित हो जाओ । ‘धर्मो रक्षति रक्षित: ! (अर्थ : जो धर्म की रक्षा करता है, उसकी रक्षा धर्म अर्थात ईश्वर करते हैं ।) (४.९.२०२३)

संपादकीय भूमिका

  • मुगलों से जो हुआ नहीं, वह करके दिखाने का हास्यास्पद वक्तव्य उदयनिधि स्टैलिन दे रहे हैं । उदयनिधि ने राज्य के डेंग्यू, मलेरिया एवं कोरोना को पहले नष्ट करके दिखाना चाहिए पश्चात सनातन धर्म के संदर्भ में मुंह खोलें !
  • विश्व में जिहादी आतंकवाद ने कहर किया हुआ है । उसे नष्ट करेंगे, जिहादियों को नष्ट करेंगे, जिस धर्म के जिहादी हैं, उसे नष्ट करेंगे, ऐसा वक्तव्य करने का साहस उदयनिधि नहीं करते, यह ध्यान में लें !
  • ‘श्रीलंका के तमिल लोगों का वंशसंहार करनेवाले श्रीलंका को नष्ट करेंगे’, ऐसा वक्तव्य कभी भी द्रविड नेता नहीं करते, यह ध्यान में लें !
  • तमिलनाडू में सनातन निर्मूलन परिषद का आयोजन किया जाता है तथा उसमें राज्य के मंत्री उपस्थित रहते हैं, क्या यही उनकी धर्म निरपेक्षता है ? संविधान के सच्चे रक्षक होने का कहनेवाले राजनीतिक दलों को क्या यह स्वीकार है ?