भारतीय चिकित्सकीय शोध परिषद का अध्ययन
नई देहली – भारतीय चिकित्सकीय शोध परिषद ने, अर्थात ‘इंडियन काऊन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च’ ने (‘आय.सी.एम.आर’ ने) कोरोना के टीके के संदर्भ में किए एक शोध के अंत में बताया है कि कोरोना के टीके के कारण युवकों की अचानक मृत्यु होने कीे कोई संभावना नहीं है ।
१. इस अध्ययन के अनुसार चिकित्सालय में भरती करने तथा आकस्मिक मृत्यु होने का पारिवारिक इतिहास (Family History) औैर जीवनशैली से संबंधित कुछ आदतों के कारण कोरोना काल में अचानक मृत्यु होने की संख्या बढ गई ।
२. इन आदतों में मृत्यु से पहले ४८ घंटे लगातार मद्यपान करना, नशीले अथा अन्य किसी भी मादक पदार्थाें का सेवन करना अथवा मृत्यु के ४८ घंटे पहले विविध प्रकार के तीव्र शारीरिक श्रम करना आदि समाविष्ट हैं ।
३. रिपोर्ट में ऐसा भी कहा गया है कि इस टीके की न्यूनतम एक मात्रा लेने से लोगों में इस प्रकार के आकस्मिक मृत्यु की संभावना अल्प हो सकती है ।
“COVID-19 vaccination did not increase the risk of unexplained sudden death among young adults in India. Past COVID-19 hospitalization, family history of sudden death and certain lifestyle behaviours increased the likelihood of unexplained sudden death,” says ICMR Study pic.twitter.com/pmeh0et1On
— ANI (@ANI) November 21, 2023
देश के ४७ चिकित्सालयों में किया गया डेढ वर्ष अध्ययन !
आय.सी.एम.आर. ने किया यह शोध १ अक्टूबर २०२१ से ३१ मार्च २०२३ की डेढ वर्ष की कालावधि में देश के ४७ प्रमुख चिकित्सालयों में किए गए अध्ययन पर आधारित है । १८ से ४५ आयुवर्ग के ७२९ लोगों पर यह अध्ययन किया गया । ये ऐसे लोग थे, जो निरोगी थे और उन्हें कोई बडी बीमारी नहीं थी । ऐसा होने पर भी कुछ अज्ञात कारणों से उनकी अचानक मृत्यु हुई । अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने टीके की दो मात्राएं ली थी, उनके अचानक मृत्यु होने की संभावना अल्प थी, तो जिन्होंने एक मात्रा ली थी, उनके अचानक मृत्यु की संभावना कुछ अधिक थी ।