अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्था का बडा दावा !
नई देहली – कोरोना महामारी के समय जो लोग कोरोना से गंभीर रूप से प्रभावित हुए थे, उन्हें उसके उपरांत बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पडा । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्था अर्थात ‘एम्स’ के शोध में इसके संदर्भ में बडा दावा किया गया है । कोरोना के उपरांत अनेक लोगों में हृदय से संबंधित समस्या तथा रक्तदाब नियंत्रण की समस्या अधिक प्रमाण में सामने आई, ऐसा एम्स ने कहा है । कोरोना के उपरांत हृदय की वाहीनियों पर परिणाम हुआ, ऐसा इस अभ्यास में बताया गया है । जिससे रक्तदाब नियंत्रण में नहीं रहता है, ऐसा ज्ञात हुआ ।
१. ‘एम्स’ के चिकित्सकों ने कोरोना से मध्यम रूप से प्रभावित हुए रोगियों को सुझाव दिया है कि वर्ष में एक बार तो हृदय, रक्तदाब नियंत्रण में है कि नहीं ?, यह जानने के लिए जांच कराएं ।
२. एम्स के ‘फिजियोलॉजी’ विभाग के डॉ. दीनू एस. चंद्रन ने कहा कि केवल गंभीर संक्रमण के रोगियों को ही नहीं, तो सौम्य स्तर के कोरोना रोगियों को भी इस समस्या का सामना करना पड रहा है । विशेषकर जब वह अधिक देर बैठने के उपरांत उठते हैं तो इस समस्या का सामना करना पडता है । उसे थकान होती है तथा हृदय की धडकन बढ जाती है । चिकित्सालय में न जाकर ठीक हुए ५६ सौम्य कोरोना रोगियों पर एक अभ्यास किया गया । इनमें से ८ से १० प्रतिशत रोगियों में यह समस्या दिखाई दी, ऐसा डॉ. चंद्रन् ने बताया ।