दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में धर्मकार्य करनेवाले हिंदुत्वनिष्ठों की आध्यात्मिक प्रगति की घोषणा से आनंद का वातावरण !

अभी तक के अधिवेशन में ५ संत हुए, ४० हिंदुत्वनिष्ठों ने ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त किया, यह अधिवेशन की फलोत्पत्ति है !

दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में ‘जाँबाज हिंदुस्थानी सेवा समिति’ की ओर से धर्मवीरों का सम्मान !

‘जाँबाज हिंदुस्थानी सेवा समिति’ के अध्यक्ष श्री. आलोक आजाद, उपाध्यक्ष श्री. आलोक तिवारी, महामंत्री श्री. प्रवीण उपाध्याय और कोषाध्यक्ष श्री. धीरेंद्र श्रीवास्तव जी ने इन धर्मवीरों को यह सम्मानचिन्ह प्रदान किया ।

दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ को हिन्दुत्वनिष्ठों का स्वयंस्फूर्त प्रतिसाद !

इन्क्विजिशन’ के नामपर ईसाई मिशनरियों ने 250 वर्ष गोमंतकियों ने किए हुए अमानवीय और क्रूर अत्याचारों लिए ईसाई संस्था के प्रमुख पोप को गोमंतकियों की सार्वजनिक क्षमा मांगनी चाहिए, ऐसी मांग श्रीमती एस्थर धनराज ने की ।

हिन्दू राष्ट्र संसद में पाठ्यपुस्तकों में भारत का तेजस्वी इतिहास अंतर्भूत करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित !

गोवा में चल रहे दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन की हिन्दू राष्ट्र संसद में ‘पाठ्यपुस्तकों में भारत का तेजस्वी इतिहास अंतर्भूत किया जाए’, यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया । संसद के अधिकांश सदस्यों ने पाठ्यपुस्तकों में भारत का इतिहास बनानेवाले संतों, राष्ट्रपुरुष और क्रांतिकारियों का समावेश करने की मांग की ।

राष्ट्रीय स्तर पर धर्मपरिवर्तन रोकने के लिए कानून सहित संविधान में सुधार की आवश्यकता ! – श्री. एम्. नागेश्वर राव, भूतपूर्व प्रभारी महासंचालक, केंद्रीय अपराध अन्वेषण यंत्रणा

आज देश में प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन कर, उन्हें ईसाई अथवा मुसलमान बनाया जा रहा है । अनेक राज्यों में भले ही धर्मपरिवर्तन विरोधी कानून हो, तब भी प्रतिदिन भारी मात्रा में हिन्दुओं का धर्मपरिवर्तन कर भारत को तोडने का षड्यंत्र हो रहा है ।

दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का उत्साहपूर्ण और भावपूर्ण वातावरण में आरंभ !

‘जयतु जयतु हिन्दू राष्ट्रम्’, ‘हर हर महादेव’ के जयघोष में यहां के श्री रामनाथ देवस्थान, फोंडा, गोवा में दशम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का भावपूर्ण और उत्सापूर्ण वातावरण मे आरंभ हुआ । यह अधिवेशन १८ जूनतक चलनेवाला है तथा इस अधिवेशन में विभिन्न राज्यों से आए ४५० प्रतिनिधि उपस्थित हैं ।

इस्लामी देशों के भारतविरोध का सामना करने के लिए हिन्दू राष्ट्र आवश्यक ! – सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

पूरे देश के ५८ से अधिक हिन्दू संगठनों, संप्रदायों, विश्वविद्यालयों, अधिवक्ता संगठनों, पत्रकारों, उद्यमियों आदि ने पत्र के द्वारा इस अधिवेशन को अपना समर्थन दिया है ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना विश्वकल्याण के लिए – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

आज हिन्दुओं की जो भी कुछ समस्याएं हैं, उनका हम संगठित शक्ति से ही हल ढूंढ सकते हैं । अतः सनातन धर्म वट वृक्ष की शाखाएं भले ही अनेक हों; परंतु हमें एकत्रित होकर ही कार्य करना होगा’’, ऐसा मार्गदर्शन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी ने किया ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना विश्वकल्याण के लिए ! – सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी, राष्ट्रीय मार्गदर्शक, हिन्दू जनजागृति समिति

भारत में हिन्दुओं को असहिष्णु कहा जाता है । मोहम्मद अली जिन्नाह ने धर्म के आधार पर अलग पाकिस्तान की मांग की, उसके अनुसार मुसलमानों को इस्लामी राष्ट्र मिला, तो हिन्दुओं के भारत को धर्मनिरपेक्ष (सेक्युलर) घोषित किया गया । तब भी हिन्दू ही असहिष्णु कैसे हो सकते हैं ?

यदि हिन्दू मांग करें, तो ही हिन्दू राष्ट्र मिलेगा ! – परमहंस डॉ. अवधेशपुरीजी महाराज, स्वस्तिक पीठाधीश्वर, मध्य प्रदेश

हिन्दुओं को संगठित करने के लिए एक निष्पक्ष संस्था की आवश्यकता थी । आज हिन्दू जनजागृति समिति निष्पक्ष रूप से सर्व संगठनों को एक धागे में पिरोने का कार्य कर रही है । समिति के ये प्रयास अभिनंदनीय हैं ।