‘मुशर्रफ शांति की सच्ची शक्ति थे !’
भारत से हमेशा घृणा करनेवाले और वर्ष १९९९ में कारगिल युद्ध करनेवाले मुशर्रफ के विषय में राष्ट्रविरोधी कांग्रेसवाले ही ऐसा बोल सकते हैं, इसमें क्या आश्चर्य ?
भारत से हमेशा घृणा करनेवाले और वर्ष १९९९ में कारगिल युद्ध करनेवाले मुशर्रफ के विषय में राष्ट्रविरोधी कांग्रेसवाले ही ऐसा बोल सकते हैं, इसमें क्या आश्चर्य ?
भाजपा के नेता अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने ‘राज्यों की जनसंख्या के आधार पर वहां के हिन्दुओं को ‘अल्पसंख्यक’ की श्रेणी मिले; इसके लिए सर्वाेच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की है । इस विषय में न्यायालय के निर्देश के अनुसार केंद्र सरकार ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से यह जानकारी मांगी थी ।
भारत ने युद्ध लडने को कहा नहीं था, अपितु पाकिस्तान को ही उसके लिए खुजली हो रही थी, यह उसी का परिणाम है । यह परिणाम इतने पर ही नहीं रुकेगा, अपितु पाकिस्तान का सर्वनाश होनेवाला है, शरीफ यह ध्यान में लें !
इससे चंद्रशेखर की हिन्दू विरोधी मानसिकता स्पष्ट होती है ! एक योजना के अंतर्गत वे हिन्दू धर्म का अपमान कर अन्य धर्म के लोगों के मतों के लिए उनके धर्म की प्रशंसा कर रहे हैं । जब तक बिहार के हिन्दू संगठित नहीं होते, तब तक इस प्रकार की राजनीति चालू ही रहेगी !
मुसलमानों के धार्मिक क्षेत्रों के विकास के नाम पर प्रयोग किए जाते हैं सरकारी कोष (खजाने) के पैसे !
अल्पसंख्यकों को मुख्य धारा में लाने का चाहे कितने भी प्रयास क्यों न किए जाए; परंतु तब भी अल्पसंख्यकों के लिए उनका धर्म ही ‘प्रथम’ होता है, इसे ध्यान में रखिए !
‘‘आज केवल मांस के लिए नहीं, हर उत्पाद के लिए सशुल्क हलाल सर्टिफिकेशन दिया जा रहा है । हाउसिंग कॉम्प्लेक्स एवं अस्पताल को भी हलाल प्रमाणपत्र बांटे जा रहे हैं । इस सर्टिफिकेशन से कई प्रश्न उठते हैं ।
‘आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी स्वयं ईसाई हैं, इसी कारण सरकारी कोष का धन पादरियों पर उड़ाया जा रहा है’ ? यदि कोई यह कहता है तो इसमें उसका का क्या दोष !
केरल से हिन्दू एवं ईसाई युवतियों को ‘लव जिहाद’ के जाल में फंसाकर उनका धर्मांतरण कर उन्हें इस्लामिक स्टेट में भर्ती किए जाने की घटनाएं इससे पहले ही उजागर हुई हैं । उस विषय में कांग्रेस ने अभीतक मुंह क्यों नहीं खोला ?, यह वह बताएगी क्या ?
‘केजरीवाल अराजकता के प्रतीक हैं । स्वयं की सरकार द्वारा किए भ्रष्टाचार के सूत्रों से जनता का ध्यान हटाने के लिए ही उन्होंने मुद्रा नोटों पर देवताओं के चित्र छपवाने की मांग की है ।