बेंगलुरु में कांग्रेस द्वारा लगाए टीपू सुलतान के फलक फाडें !
बेंगलुरु (कर्नाटक) में कुछ लोगों ने टीपू सुलतान के लगे हुए फलक फाड दिए । ये फलक कांग्रेस द्वारा लगाए गए थे ।
बेंगलुरु (कर्नाटक) में कुछ लोगों ने टीपू सुलतान के लगे हुए फलक फाड दिए । ये फलक कांग्रेस द्वारा लगाए गए थे ।
इस चलचित्र के निर्माताओं, निर्देशकों और अभिनेताओं के विरुद्ध कडी से कडी कार्रवाई होने पर ही हिन्दू धर्म की इस प्रकार जानबूझकर की जाने वाली अवमानना रुकेगी ।
गांव-गांव में ऐसी घोषणाएं दी जाना, यह स्थिति दर्शाती है कि ‘आनेवाला समय हिन्दुओं के लिए कठिन है’ !
हिजाब धार्मिक, जबकि भारतमाता राष्ट्रीय अस्मिता का विषय है । यदि कोई उनकी पूजा करता हो, तो इसमें अनुचित क्या है ? जो व्यक्ति भारतमाता को ही न मानता हो, वही इस प्रकार का विरोध करते हैं ! विश्वविद्यालय इस प्रकार के विरोध की बलि न चढें !
अब केवल हिन्दुत्वनिष्ठ अथवा उनके समर्थक ही नहीं, अपितु हिन्दुओं के संत-मंहंतों को भी लक्ष्य किया जा रहा है । हिन्दुओं, हिन्दू संतों का कुछ भला-बुरा होने से पूर्व अब तो एकत्रित आकर ‘हिन्दू राष्ट्र’ स्थापित करें !
देश में शरीयत कानून लागू नहीं हुआ है । ‘यदि हिन्दुओं को लक्ष्य करने का प्रयास किया, तो हम जैसे को तैसा उत्तर देंगे’, ऐसी चेतावनी भाजपा के नेता नितेश राणे ने पत्रकार परिषद में दी ।
हिन्दु बाहुल्य भारत में अल्पसंख्यकों को घर न मिलने पर आकाश-पाताल एक करने वाले कांग्रेसवाले, आधुनिकतावादी, साम्यवादी, निधर्मी, हिन्दू विरोधी प्रसारमाध्यम आदि अब चुप क्यों ?
हिन्दू धर्म के अनादर के विरुद्ध वैधानिक लडाई लडनेवाली प्रियांका मिश्रा का अभिनंदन !
पैसे लेकर श्रद्धालुओं को दर्शन देना अशास्त्रीय पद्धति है ! दर्शन हेतु शुल्क आंकने के लिए मंदिर कोई मनोरंजन का स्थान नहीं है ! सरकारीकरण हुए मंदिरों
को प्रशासन ‘पैसे कमाने का साधन’ के रूप में देखता है । इसीलिए यह दुःस्थिति हुई है !
इससे यह ध्यान में आता है कि धर्मांध अब कानून, सरकार आदि किसी को भी महत्त्व नहीं देते ! ऐसों पर सरकार क्या कार्रवाई करेगी ?