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(मॉल का अर्थ विस्तृत व्यापारी संकुल)
बेंगलुरु (कर्नाटक) – यहां कुछ लोगों ने टीपू सुलतान के लगे हुए फलक फाड दिए । ये फलक कांग्रेस द्वारा लगाए गए थे । ‘भारत की स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव होते हुए देशभक्तों के स्थान पर टीपू सुलतान के फलक क्यों ?’, ऐसा आक्षेप फलक फाडनेवालों द्वारा लिया गया । कांग्रेस का आरोप है कि ये फलक विश्व हिन्दू परिषद द्वारा फाडे गए हैं; परंतु इस विषय में अब तक विहिंप ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है । कहा जा रहा है कि यह विवाद शिवमोग्गा में वीर सावरकर का छायाचित्र हटाने से हुआ है ।
शिवमोग्गा में शिवप्पा नायक ‘मॉल’ के व्यवस्थापन ने स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य मॉल में वीर सावरकर का छायाचित्र लगाया था । कुछ लोगों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया । इस प्रदर्शन का विरोध करने हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ता वहां पहुंचे और वीर सावरकर का छायाचित्र यथावत लगाए रखने के लिए कहा । तब छायाचित्र निकालने की मांग करनेवालों ने वहां धरना प्रदर्शन आरंभ कर दिया । इससे व्यवस्थापन ने सावरकरजी का छायाचित्र ढक दिया । हिन्दू संगठन ने इसके विरोध में छायाचित्र पुनः पहलीवाली स्थिति में रखने के लिए वहां ‘धरना प्रदर्शन’ शुरू किया ।