झारखंड में धर्मांधों ने ५ सरकारी विद्यालयों को बंद करने पर किया बाध्य !

शुक्रवार के स्थान पर रविवार को छुट्टी देने में सरकारी निर्णय का विरोध


रांची (झारखंड) – राज्य के सभी विद्यालयों को रविवार को ही छुट्टी देने का झारखंड के शिक्षामंत्री जगरनाथ महतो के आदेश के उपरांत भी पलामू जिले के कुछ मुसलमानबहुल भागों में इस आदेश की उपेक्षा की गई । सरकारी आदेश के अनुसार जिले के नए बाजार एवं विश्रामपुर, इन मुसलमानबहुल भागों में ५ सरकारी विद्यालय शुक्रवार, २९ जुलाई को छुट्टी न देते हुए शुरू ही रखीं थीं; परंतु धर्मांधों ने विश्रामपुर के ४ सरकारी विद्यालयों को बंद करने पर बाध्य किया । यद्यपि शिक्षकों ने धर्मांधों को शिक्षामंत्री के आदेश के विषय में बताने का प्रयत्न किया, इसके साथ ही उच्च शिक्षाधिकारियों से संपर्क भी करवा दिया; परंतु धर्मांधों ने उसकी अनदेखी की ।

धर्मांधों ने एक विद्यालय को स्वयं ताला लगाकर शिक्षकों को बाहर खडा कर दिया !

नए बाजार के एक विद्यालय में भी ऐसा ही चित्र देखने मिला । डिहरिया के एक विद्यालय में तो धर्मांधों ने स्वयं ही ताला लगाकर शिक्षकों को बाहर खडा कर दिया । यहां के सरकारी पदाधिकारी मणि कुमार पांडेय ने इस प्रकार विद्यालय को बलपूर्वक बंद करने की हुई घटनाओं की पुष्टि की है । इसके साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ‘रविवार को ही विद्यालयों की छुट्टी रहेगी ।’

पलामू जिले में ४९ विद्यालयों के नामों में अनधिकृतरूप से जोडा गया है ‘उर्दू’ शब्द !

एक ब्यौरे के अनुसार पलामू जिले में कुल २० उर्दू विद्यालय हैं । इसके साथ ही अन्य ४९ विद्यालयों में भी अनधिकृतरूप से ‘उर्दू’ शब्द जोडकर इन सभी विद्यालयों को ‘शुक्रवार’ को अवकाश घोषित किया गया था । प्रसारमाध्यमों में यह वृत्त फैलने के उपरांत जिला शिक्षाधिकारी उपेंद्र नारायण ने इन विद्यालयों के नामों से ‘उर्दू’ शब्द निकालने के साथ ही शुक्रवार को भी विद्यालय शुरू रखने का आदेश दिया । (प्रसारमाध्यमों द्वारा समाचार प्रसारित होने पर जागनेवाले जिला शिक्षाधिकारी ! ऐसों पर अब सरकार को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए ! – संपादक)

संपादकीय भूमिका

  • झारखंड भारत में हैं या पाकिस्तान में ?
  • इससे यह ध्यान में आता है कि धर्मांध अब कानून, सरकार आदि किसी को भी महत्त्व नहीं देते ! ऐसों पर सरकार क्या कार्रवाई करेगी ?
  •  विद्यालयों का इस्लामीकरण करने की ताक में रहनेवालों का निधर्मीवादियों की टोली अब क्यों नहीं विरोध करती ? या फिर उनका विरोध केवल विद्यालयों में हिन्दुओं को कुछ सिखाने की बात करने पर ही होती है ?
  • ‘केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कुछ समय पूर्व ही, ‘शुक्रवार को अवकाश (छुट्टी) देना, अर्थात शरीयत कानून लागू करने का प्रयत्न हैैैै’, इस वक्तव्य में गलत कुछ भी नहीं’, ऐसा अब कोई कहे तो इसमें चूक क्या है ?