‘लाल सिंह चड्ढा’ चलचित्र में भारतीय सेना और हिन्दू समाज की अवमानना ! देहली के अधिवक्ताओं द्वारा पुलिस में आरोप प्रविष्ट कराया गया !

अधिवक्ता विनित जिंदल (बाईं ओर) अभिनेता आमिर खान (दाईं ओर)

देहली – अधिवक्ता विनीत जिंदल ने देहली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा से शिकायत की है कि आमिर खान के अभी-अभी प्रदर्शित हुए चलचित्र ‘लाल सिंह चड्ढा’ ने भारतीय सेना और हिन्दू समाज का अपमान किया है । उन्होंने आमिर खान, फिल्म के वितरक पैरामाउंट पिक्चर्स, निर्देशक अद्वैत चंदन और अन्य के विरुद्ध आरोप प्रविष्ट कराया है ।

आरोप में कहा गया है कि,

१. चलचित्र में आपत्तिजनक दृश्य हैं । चलचित्र में दिखाया गया है कि ‘मानसिक रूप से विकलांग व्यक्ति को सेना में भर्ती किया गया था और उसे कारगिल युद्ध में लड़ने की अनुमति भी दी गई थी ।’

यह सर्वविदित है कि सेना में सर्वश्रेष्ठ सैनिकों का चयन किया जाता है और कठोर प्रशिक्षण में सफल होने वालों को ही युद्ध में लड़ने के लिए भेजा जाता है । इस चलचित्र के माध्यम से निर्माता ने जानबूझकर भारतीय सेना की अवमानना करने के आशय से ऎसे निंदनीय संवाद दृश्य में डाले हैं ।

२. चलचित्र के एक अन्य दृश्य में पाकिस्तानी सेना का एक जवान, लाल से कहता है, ‘मैं नमाज पढ़ता हूं, लाल, तुम ऐसा क्यों नहीं करते ?’ इसके उत्तर में लाल कहता है कि ‘मां कहती हैं, पूजा-पाठ करने से मलेरिया का प्रसार होता है तथा दंगे होते हैं ।” यद्यपि भारतीय संविधान ने प्रत्येक नागरिक को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी है, किंतु इसका दुरुपयोग करना सर्वथा अनुचित है । यह दृश्य नागरिकों को धर्म के आधार पर भड़काता है । यह एक गंभीर अपराध है ।

३. आमिर खान के इस वक्तव्य से हिन्दू समाज आहत हुआ है । आमिर खान के इस कृत्य से देश की सुरक्षा, शांति एवं बंधुत्व को धोखा पहुंचा है ।

४. अत: आमिर खान, ‘पैरामाउंट पिक्चर्स’ और अन्य के विरुद्ध धारा १५३, १५३ए, २९८ एवं ५०५ के अंतर्गत प्रथम दृष्टया आरोप प्रविष्ट करने की मांग की है ।

संपादकीय भूमिका

  • ´केंद्रीय चलचित्र प्रमाणन मंडल ´ ने इस चलचित्र को प्रमाण पत्र कैसे दिया, जब इसमें सेना विरोधी और हिन्दू विरोधी वाक्य लिए गए हैं ? यदि ऐसे वाक्य मुसलमानों के विरुद्ध लिए होते, तो देश में कैसी परिस्थिति उत्पन्न होती कहने की आवश्यकता नहीं !
  • इस चलचित्र के निर्माताओं, निर्देशकों और अभिनेताओं के विरुद्ध कडी से कडी कार्रवाई होने पर ही हिन्दू धर्म की इस प्रकार जानबूझकर की जाने वाली अवमानना रुकेगी ।