देवदर्शन हेतु श्रद्धालुओं से पैसे लेकर त्र्यंबकेश्वर देवस्थान ने एक दिन में ही १० लाख रुपए अर्जित (कमाए) किए !

प्रथम श्रावण सोमवार को ही त्र्यंबकेश्वर देवस्थान द्वारा श्रद्धालुओं से लूट !

नासिक – ‘जय भोलेनाथ’ का जयघोष करते हुए १ लाख से अधिक भक्तों ने १ अगस्त को, अर्थातश्रावण के प्रथम सोमवार को त्र्यंबकेश्वर के दर्शन लिए । सुबह ४ बजे से ही भक्त पंक्तियोें में खडे थे । त्र्यंबकेश्वर देवस्थान ने पैसे देनेवाले भक्तों को ढाई घंटे में देवदर्शन करवाया, जब कि नि:शुल्क दर्शन हेतु आए भक्तों को ६ घंटे से अधिक समय पंक्ति में खडा रखा । देवस्थान की ओर से प्रति व्यक्ति २०० रुपए मूल्य लेकर दर्शन करवाए जा रहे थे । सायंकाल तक ५ सहस्र से अधिक भक्तों ने इसका लाभ लिया । इसलिए देवस्थान को १० लाख रुपए से अधिक की आय (कमाई) हुई है ।

श्रद्धालुओं की भीड देख कर ३ बार सशुल्क दर्शन (पेड दर्शन) बंद करना पडा । कोरोना महामारी की कालावधि के पश्चात आया यह प्रथम श्रावण सोमवार होने से श्रद्धालुओं की बहुत भीड थी । और तो और मंदिर में आनेवाले भक्तों के वाहन लगाने के लिए वाहनतल नगर से बाहर बहुत दूर तक जाने से भक्त बेहाल हुए ।

संपादकीय भूमिका

  • पैसे लेकर श्रद्धालुओं को दर्शन देना अशास्त्रीय पद्धति है ! दर्शन हेतु शुल्क आंकने के लिए मंदिर कोई मनोरंजन का स्थान नहीं है ! सरकारीकरण हुए मंदिरों को प्रशासन ‘पैसे कमाने का साधन’ के रूप में देखता है । इसीलिए यह दुःस्थिति हुई है !
  • मंदिर सरकारीकरण के दुष्परिणाम ! इस स्थिति में परिवर्तन लाने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र’ ही चाहिए !