गरबा में ‘अली मौला’ गाना गाने का प्रयास करने वाले हिमेश रेशमिया को हिन्दू संगठनों ने खदेड दिया !

‘हिन्दुओं के धार्मिक त्योहारों के समय कौन से गाने गाने चाहिए ?’, यह ज्ञात न होने वाले हिन्दू गायक रेशमिया का यह काम  धर्म शिक्षा का अभाव और आत्मघाती धर्मनिरपेक्षता को दिखाता है !

हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान करने वाले हास्य कलाकार मुनव्वर फारुकी ने लिया गरबा कार्यक्रम में सहभाग !

एक ओर हिन्दुओं के देवी-देवताओं का अपमान करना और दूसरी ओर उन्हीं देवताओं के त्योहारों में भाग लेना, ऐसे दोमुंही बातें करनेवालों को अनुमति मिलती ही कैसे है ? हिन्दुओं को कब ध्यान में आएगा कि ऐसी आत्मघाती, सहनशीलता और गांधीगिरी ‌इतने वर्षाें से भारी पडी है ? अब फारुकी को गरबा-स्थल पर प्रवेश देनेवाले हिन्दुओं के विरुद्ध भी कार्यवाही की मांग करनी चाहिए ! ‌‌

बिहार के सासाराम में सम्राट अशोक के शिलालेख पर बांधी मजार

मजार की निर्मिति होने तक प्रशासन सो रहा था क्या ? ऐसों की भी जांच होनी चाहिए तथा दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करनी चाहिए !

संविधान में स्थित हिन्दू विरोधी अनुच्छेद २८ और ३० रद्द कीजिए !

‘अनुच्छेद ३०’ के अनुसार मुसलमान और ईसाई शिक्षासंस्थानों को सरकारी सहायता लेकर धार्मिक शिक्षा देने का अधिकार होना; परंतु हिन्दू धर्मियों पर ‘अनुच्छेद २८’ के अनुसार धार्मिक शिक्षा देने पर प्रतिबंध होना

‘रा.स्व.संघ पर भी प्रतिबंध लगाएं !’- कांग्रेस समेत विपक्षी दलों की मांग

‘रा.स्व.संघ ने ऐसा कौन-सा देश-विरोधी कार्य किया है, जिसके लिए उस पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है, यह विपक्षी दलों को बताना चाहिए । १९४८ में गांधी की हत्या के उपरांत कांग्रेस ने पूरे देश में ब्राह्मणों की हत्या की,  १९८४ में इंदिरा गांधी की हत्या के उपरांत दिल्ली में साढ़े तीन हजार सिख मारे गए और राजीव गांधी ने अप्रत्यक्ष रूप से इसका समर्थन किया, कांग्रेस पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए ?

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं हिन्दू नेताओं की हत्या का षड्यंत्र उजागर !

जिहादी और अब खालिस्तानी, दोनों ही हिन्दुओं को अपना लक्ष्य बना रहे हैं, ऐसे में हिन्दुओं की रक्षा कौन करेगा ? इस स्थिति में परिवर्तन के लिए हिन्दू राष्ट्र की स्थापना अपरिहार्य है !

कोलकाता का श्री दुर्गादेवी मंडप वैटिकन सिटि (नगर) समान सजाया गया !

धर्मशिक्षा न होने से हिन्दू सर्वधर्मसमभाव के नाम पर इस प्रकार के कृत्य करते हैं; परंतु अन्य धर्मी कभी भी सर्वधर्मसमभाव के रूप में उनके धार्मिक स्थल पर हिन्दुओं के देवताओं की मूर्ति अथवा धार्मिक कृत्य नहीं करते, यह ध्यान में लें !

हास्य कलाकार राजू श्रीवास्तव की मृत्यु के पश्चात जिहादियों का जल्लोष !

यदि हिन्दुओं ने ऐसा किया होता, तो सभी धर्मनिरपेक्षतावादी, मानवाधिकारवाले और पुरोगामी हिन्दुओं की आलोचना करते । यहां सभी शांत हैं इसलिए कि जल्लोष करनेवाले ‘एक विशिष्ट समुदाय’ के हैं ।

हिन्दूद्वेषी वक्तव्य देने के कारण सांसद ए. राजा के विरुद्ध बंद का आवाहन

ए. राजा सत्ताधारी पार्टी के सांसद होने तथा उनके हिन्दूद्वेषी वक्तव्य के कारण पुलिसकर्मियों ने उन पर कार्यवाही नहीं की; परंतु यदि उन्होंने अन्य धर्मियों के विरुद्ध कुछ कहा होता, तो अवश्य ही कार्यवाही होता, इससे यही ध्यान में आता है !

लीसेस्टर (ब्रिटेन) में हिंसा के आरोप में ऐमॉस नोरोन्हा नाम के युवक को १० महीने कारावास का दंड !

ब्रिटेन जैसा त्वरित न्याय भारत में कब मिलेगा ?