बिहार के सासाराम में सम्राट अशोक के शिलालेख पर बांधी मजार

(मजार का अर्थ है इस्लामिक पीर या फकीर की कब्र)

सासाराम (बिहार) – यहां के रोहतास जिले की चंदन पहाडी पर महान मौर्य सम्राट अशोक के शिलालेख पर मजार बांधी गई है । देश भर में सम्राट अशोक के ६ से ८ शिलालेख हैं, उनमें से केवल एक ही बिहार में है । इस शिलालेख पर एक मजार बनाई गई है और उस पर अब एक चादर चढाई जाती है ।

एक समय अखंड भारत पर (काबुल से कन्याकुमारी तक) शासन करनेवाले सम्राट अशोक के २ सहस्र ३०० वर्ष पुराने शिलालेख नष्ट किए जा रहे हैं । २ सहस्र ३०० वर्षों की विरासत केवल २३ वर्षों में मिटा दी गई है । भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने जिला प्रशासन को पत्र लिखकर कहा था कि चंदन पहाडी पर चल रहे निर्माण अवैध हैं, यथास्थिति (पूर्व समान स्थिति) बनाई रखी जाए । वर्ष २००८ में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार जिलाधिकारी ने सासाराम उप जिलाधिकारी को सम्राट अशोक-शिलालेख के समीप से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था । तत्कालीन उप जिलाधिकारी ने मरकजी मुहर्रम समिति को कब्र की चाबी प्रशासन को सौंपने का निर्देश दिया था; परंतु समिति ने आदेश का पालन नहीं किया । आज वहां एक बडी इमारत का निर्माण किया गया है । (इस ऐतिहासिक धरोहर-स्थल पर अवैध निर्माण के लिए उत्तरदायी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के अधिकारियों के विरुद्ध कडी कार्यवाही की जाए । साथ ही यह अवैध निर्माण तत्काल हटाया जाए ! – संपादक)

संपादकीय भूमिका

मजार की निर्मिति होने तक प्रशासन सो रहा था क्या ? ऐसों की भी जांच होनी चाहिए तथा दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करनी चाहिए !