(और इनकी सुनिए…) ‘पूर्वजों को ५ सहस्र वर्षों तक पीडा देनेवाली मनुस्मृति का विरोध होना चाहिए !’ – जितेंद्र आव्हाड
किसी भी धर्मग्रंथ को जलाना, कानून की दृष्टि से अपराध है । ऐसा होते हुए भी जितेंद्र आव्हाड ने मनुस्मृति के दहन के संदर्भ में ऐसा वक्तव्य देना, संविधान का विद्रोह ही है ! पुलिस को यह क्यों नहीं दिखाई देता ?