कर्नाटक सरकार राज्य में अवैध चर्चों को ध्वस्त करे ! – प्रमोद मुतालिक का अवाहन
ऐसी मांग क्यों करनी पडती है ? सरकार को स्वयं ही कार्रवाई करनी चाहिए !
ऐसी मांग क्यों करनी पडती है ? सरकार को स्वयं ही कार्रवाई करनी चाहिए !
कई बार ऐसा दिखाई देता है कि मुसलमान से प्रेम करनेवाली हिन्दू महिला पहले अपना धर्म बदलती है । किसी मौलवी के पास ले जाकर उसका धर्मांतरण किया जाता है । उससे कोई सत्य प्रतिज्ञापत्र लिया जाता है, जिस पर लिखा होता है, ‘मैं अपनी इच्छा से धर्म बदल रही हूं और मेरे माता-पिता के पास जाने की मेरी इच्छा नहीं है ।
विश्व के किसी भी देश में अल्पसंख्यकों को बहुसंख्यकों से धर्मपरिवर्तन का भय होता है; परंतु भारत में यह स्थिति उल्टी है । यहां अल्पसंख्यक नहीं, अपितु बहुसंख्यक लोग अपने धर्म की रक्षा के लिए धर्मांतरण विरोधी कानून की मांग कर रहे हैं ।
हमारा धर्म और संस्कृति बचेगी तो देश बचेगा; क्योंकि यदि कट्टरता बढती है, तो पुलिस व्यवस्था, प्रशासन, न्यायपालिका समेत पूरा देश संकट में पड जाएगा । देश की संप्रभुता के लिए वास्तव में यह एक बडी चुनौती है ।
प्रशासन द्वारा धर्मांतरण की घटनाओं पर अंकुश न लगाने पर, कठोर आंदोलन करने की चेतावनी !
२० दिसंबर से प्रारंभ होने वाले कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धर्मांतरण विरोधी विधेयक प्रस्तुत किया जाएगा । ऐसी जानकारी ऊर्जा मंत्री व्ही. सुनील कुमार ने दी ।
पुलिसद्वारा चेतावनी देने के बाद भी ईसाई वहां जा रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें रोका क्यों नहीं ? पुलिस की चेतावनी को न मानते हुए कृति करने से तनाव निर्माण करने के मामले में पुलिस को ऐसों पर कार्रवाई करनी चाहिए !
धर्मांतरणविरोधी कानून बनाने से ईसाईयों का छिपा उद्देश्य ही असफल होनेवाला है; इसलिए अब वे तिलमिला गए हैं, यही इससे स्पष्ट होता है !
हिन्दू धर्म को राजाश्रय देकर हिन्दुओं की सुरक्षितता और सर्वंकष कल्याण का संकल्प करनेवाले हिन्दू राष्ट्र की स्थापना ही एकमात्र विकल्प है !
विश्व हिन्दू परिषद ने १९ सितंबर २०२१ को यहां के इमामवाडा से एक हिन्दू युवती को मुक्त किया, जिसे लोहे की जंजीर से बांध कर रखा गया था ।