‘धर्मांतरणविरोधी कानून के कारण कर्नाटक में अराजक की स्थिति उत्पन्न होगी ! – आर्चबिशप रेवरंड पीटर मचाडो

कर्नाटक सरकार के प्रस्तावित धर्मांतरणविरोधी कानून को बेंगलुरू के आर्चबिशप का विरोध

  • सरकार को दृढतापूर्वक यह बताना चाहिए कि ‘विगत अनेक दशकों से देश में हिन्दुओं का धर्मांतरण होने से अराजक की स्थिति उत्पन्न हुई है और इसे रोकने हेतु संपूर्ण देश में ही ऐसे कानून की आवश्यकता है !’ – संपादक
  • धर्मांतरणविरोधी कानून बनाने से ईसाईयों का छिपा उद्देश्य ही असफल होनेवाला है; इसलिए अब वे तिलमिला गए हैं, यही इससे स्पष्ट होता है ! – संपादक
आर्चबिशप पीटर मचाटो

     बेंगलुरू (कर्नाटक) – कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने हाल ही में राज्य में धर्मांतरणविरोधी कानून बनाने की घोषणा की थी । बेंगलुरू के आर्चबिशप पीटर मचाटो ने इसका विरोध करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है । उसमें उन्होंने लिखा है कि यह कानून भेदभाव करनेवाला होगा और उसके कारण अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन होगा, साथ ही राज्य में शांति और एकता को हानि पहुंचेगी । इसके कारण राज्य में अराजक की स्थिति बन सकती है । अतः इस प्रकार का कानून लाना अनावश्यक है ।

     इस पत्र में आर्चबिशप मचाडो ने संविधान के अनुच्छेद २५ एवं २६ का संदर्भ देते हुए इन अनुच्छेदों के द्वारा धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान की गई है, ऐसा कहा है । आर्चबिशप मचाडो ने ईसाई मिशनरियों और चर्चाें का सर्वेक्षण करने के सरकार के निर्णय का भी विरोध किया है । (२१.११.२०२१)