कोलार (कर्नाटक) में पुलिस की चेतावनी के बाद भी ईसाइयोंद्वारा घर घर जाकर धार्मिक पुस्तकें बांटने का प्रयास करने पर पुस्तकों को जलाया गया !

  • हिन्दुओं के घरों में जाकर ईसाई उनके पंथ का प्रचार क्यों करते हैं ? हिन्दू कभी ईसाइयों के घर धर्मप्रसार के लिए जाते हैं क्या ? हिन्दुओं ने ईसाइयों को हिन्दुओं के धार्मिक ग्रंथ बांटे, तो ईसाई उसे पढेंगे क्या ?
  • पुलिसद्वारा चेतावनी देने के बाद भी ईसाई ऐसे कानून विरोधी काम करनेवाले होंगे, तो बाद में कुछ घटना होने पर, उन्हें ही उत्तरदायी ठहराना चाहिए !

बेंगलुरू (कर्नाटक) – कर्नाटक राज्य के कोलार जिले में ईसाइयों की धार्मिक किताबें जलाने के कारण वहां तनाव की स्थिति निर्माण हो गई है। इस मामले में हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों पर आरोप लगाया गया है। इस मामले में अभी तक किसी को भी हिरासत में नहीं लिया गया है। हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों ने आरोप लगाया है कि, ‘यहां चर्च के लोग धर्मपरिवर्तन कर रहे थे। घर घर जाकर वे लोगों को ‘उपदेश’ दे रहे थे। उन्हें कार्यकर्ताओं ने रोका। उस समय चर्च के लोगों के पास रखी हुए पुस्तकें खींचकर उन्हें जलाया गया। इस समय कोई भी हिंसा अथवा किसी को भी मारा नहीं गया !’ अभी हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के कार्यकर्ता और ईसाइयों ने चर्च की ओर से यह मामला सुलझा लेने का बताया है।

१. पुलिस ने इस विषय में बताया कि, हमने इसके पहले ईसाइयों को चेतावनी दी थी, कि आप इस क्षेत्र में घर घर जाकर अपने धर्म की पुस्तकें वितरण करनेवाले होंगे, तो वहां का वातावरण बिगड सकता है ! (ऐसा बताने पर भी ईसाई वहां जा रहे थे, तो पुलिस ने उन्हें रोका क्यों नहीं ? पुलिस की चेतावनी को न मानते हुए कृति करने से तनाव निर्माण करने के मामले में पुलिस को ऐसों पर कार्रवाई करनी चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात)

२. कर्नाटक में जल्द ही धर्मांतर विरोधी कानून लगनेवाला है। राज्य के मुख्यमंत्री बोम्माई ने कुछ दिन पहले ही इस विषय में जानकारी दी थी।