अब प्रत्येक मतदान केंद्र के ‘वी.वी.पी.ए.टी.’ के सभी रसीदों की गिनती होगी !

उच्चतम न्यायालय ने मतगणना के समय ‘वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ की सभी रसीदों की गिनती करें, ऐसा निर्देश चुनाव आयोग को दिया है ।

भोजशाला के सर्वेक्षण को स्थगिति देने से उच्चतम न्यायालय ने नकारा !

यहां भोजशाला के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से किए जा रहे सर्वेक्षण को स्थगिति देने से उच्चतम न्यायालय ने नकार दिया ।

Lawyers Letter To CJI : न्यायपालिका पर भीषण अनिष्ट की आशंका है, अत: इस का राजनीतिक दबाव से संरक्षण किया जाना अति आवश्यक !

भारत के पूर्व महान्यायाभिकर्ता हरीश साल्वे समेत ६०० से अधिक वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर कहा है, कि न्यायपालिका भीषण संकट  में है और इसे राजनीतिक और व्यावसायिक दबाव से संरक्षित करने की नितांत आवश्यकता है।

भोजशाला का सर्वेक्षण आरंभ !

सर्वेक्षण को स्थगित करने की मांग करनेवाले मुसलमान पक्ष की याचिका पर तुरंत सुनवाई करना सर्वोच्च न्यायालय ने अस्वीकार किया !

EXCLUSIVE : महाराष्ट्र में केवल १० दलों को मिलेगा आरक्षित चिन्ह : ३७६ दलों को अलग-अलग चिन्हों पर लडना होगा चुनाव !

महाराष्ट्र के चार बार मुख्यमंत्री पद पर रह चुके और महाराष्ट्र के सबसे वयोवृद्ध नेता शरद पवार का ‘राष्ट्रवादी शरद चंद्र पवार´ पक्ष भी ‘मान्यता प्राप्त दल’ की मान्यता से वंचित हो चुका है । राष्ट्रवादी कांग्रेस पक्ष पहले ही अपनी राष्ट्रीय पहचान खो चुका था ।

Rohingya Refugees : रोहिंग्या घुसपैठियों को भारत में बसने का कोई अधिकार नहीं ! – केंद्र सरकार

केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय से स्पष्ट रूप से कहा है कि भारत में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को यहां बसने का कोई मौलिक अधिकार नहीं है ।

Krishna Janmabhoomi Case : सभी अभियोग की एकत्रित सुनवाई करने के विरुद्ध मस्जिद कमेटी की याचिका सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अस्वीकार

न्यायालय का समय बचाने के उद्देश्य से इस पर एकत्र सुनवाई करने का आदेश इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दिया था ।

Electoral Bond Case : आपकी वृत्ति उचित नहीं है, लुकाछिपी न करें ! – सरन्यायाधीश

सर्वोच्च न्यायालय ने चुनाव बोंड पर ‘स्टेट बैंक ऑफ इंडिया’ को पुनः फटकारा !

सीएए कानून के विरुद्ध मुस्लिम लीग पहुंची सर्वोच्च न्यायालय

सीएए कानून के विरुद्ध इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका प्रविष्ट की गई है । याचिका द्वारा कानून पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है ।

Supreme Court on Government criticism : सरकार की प्रत्येक आलोचना अपराध नहीं मानी जा सकती  ! – सर्वोच्च न्यायालय

विरोध और असंतोष इस तरह व्यक्त किया जाना चाहिए जो लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्वीकार्य हो ।