Tirupati Laddu Case : पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट !

तिरुपति मंदिर में प्रसाद के लड्डू का प्रकरण !

पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी

अमरावती (आंध्र प्रदेश) – आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी और अन्य के विरुद्ध मामला प्रविष्ट किया गया है । उन पर तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर की पवित्रता को क्षति पहुंचाने एवं लड्डू प्रसादम में उपयोग होने वाले घी में मिलावट करके हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है । एक अधिवक्ता द्वारा तेलंगाना के भाग्यनगर के सैदाबाद पुलिस स्टेशन में आपत्ति प्रविष्ट कराने के पश्चात अपराध प्रविष्ट किया गया था।

न्यायालयों में याचिकाएं 

१. हिन्दू सेना समिति के अध्यक्ष सुरजीतसिंह यादव ने तिरुपति प्रसादम में जानवरों की चर्बी के आरोपों की जांच विशेष जांच दल से कराने की मांग की है। सुरजीतसिंह यादव ने २१ सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका प्रविष्ट कर यह मांग की है । इसके अतरिक्त वकील सत्यम सिंह ने भी सर्वोच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की है ।

२. दूसरी ओर, वाईएसआर ने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय से वर्तमान न्यायपालिका की देख रेख में मामले की जांच करने का अनुरोध किया है । इस मामले की अगली सुनवाई २५ सितंबर को होगी ।

३. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लड्डू के संदर्भ मे आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है । स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से बात की है । मंदिर के प्रसाद के लड्डू की जांच की जाएगी।

४. तेलुगु देशम, कांग्रेस एवं बीजेपी ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है ।

दोषियों को कठोर दंड मिलना चाहिए ! – श्री श्री रविशंकर

श्री श्री रविशंकर

हिन्दू भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई है । इसे क्षमा नहीं किया जा सकता । दोषियों को कठोर दंड मिलना चाहिए । श्री श्री रविशंकर ने मांग की है कि उनकी सारी संपत्ति अधिग्रहित कर ली जाए और जो भी इस प्रक्रिया में दूर से सम्मिलित है उसे कारावास में भेजा जाए ।

उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण प्रायश्चित स्वरूप ११ दिन का उपवास रखेंगे !

आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण

आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, ”श्री तिरूपति बालाजी देवस्थानम के प्रसाद के साथ छेडछाड करके जो अपवित्रता की गई है, उससे मुझे गहरा दुख हुआ है । सच कहूं तो मुझे ऐसा लग रहा है कि मेरे साथ धोखा हुआ है ।’ इसलिए, मैं भगवान वेंकटेश्वर से प्रार्थना करता हूं कि उनकी कृपा हम पर एवं सभी सनातनियों पर बनी रहे।

इस क्षण से, मैं अब भगवान से क्षमा मांग रहा हूं ! इसके लिए मैं ११ दिनों के उपवास का अपना धार्मिक संकल्प ले रहा हूं ।’ उपवास के अंतिम दिन १ या २ अक्टूबर को मैं स्वयं तिरूपति बालाजी के मंदिर जाकर भगवान से क्षमा मांगूंगा ।