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नई देहली – गुजरात के गीर सोमनाथ जिले के जिलाधिकारी दिग्विजय सिंह जडेजा ने सर्वोच्च न्यायालय में कहा, ‘भूमि अतिक्रमणमुक्त करने हेतु मैंने दरगाह एवं मस्जिदें गिरा दी । यह सभी निर्माणकार्य गैरकानूनी थे । ऐसी परिस्थिति में उन्हें गिराने की अनुमति की आवश्यकता न थी । ऐसी परिस्थिति में इसे सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का अपमान नहीं कहा जा सकता ।’
१. मुस्लिम पक्ष द्वारा प्रविष्ट की गई अपमान याचिका पर गीर सोमनाथ जिले के जिलाधिकारी ने यह उत्तर दिया है । मुसलमान पक्ष का कहना था कि यह कार्रवाई कर प्रशासन ने सर्वोच्च न्यायालय के बुलडोजर-प्रतिबंध का उल्लंघन किया है ।
१७ सितंबर २०२४ को सर्वोच्च न्यायालय ने अतिक्रमण के अलावा देशभर के सार्वजनिक स्थानों के निर्माणकार्य गिराने को प्रतिबंधित किया था ।
२. गीर सोमनाथ में २७ सितंबर २०२४ को हाजी मांगरोलिशा पीर दरगाह, हजरत मैपुरी, सिपे सालार एवं मस्तंशा बापू इन प्रमुख दरगाहों के साथ ही सभी अवैध निर्माणकार्य गिरा दिए गए । यह कार्रवाई बडी मात्रा में की गई । इसका मुस्लिमों ने विरोध किया था; परंतु पुलिस ने यह कार्रवाई शांति से होने दी तथा लगभग ७० लोगों को नियंत्रित किया था ।