भगवान शिव और पार्वती की वेशभूषा के पुरुष पी रहे हैं सिगरेट !
इस प्रकार से जान बूझ कर हिन्दुओं के देवताओं का अवमान करके भारत में असंतोष निर्माण करने के पीछे अन्तर्राष्ट्रीय षड्यन्त्र है क्या ? इस की खोज भारत सरकार ने करनी चाहिए !
इस प्रकार से जान बूझ कर हिन्दुओं के देवताओं का अवमान करके भारत में असंतोष निर्माण करने के पीछे अन्तर्राष्ट्रीय षड्यन्त्र है क्या ? इस की खोज भारत सरकार ने करनी चाहिए !
मोईत्रा के आपत्तिजनक वक्तव्य से उनके विरुद्ध अपराध प्रविष्ट होने लगे हैं । इसलिए उन्हें कारागृह में जाकर दंड भुगतना पडेगा, जिसके कारण वे अब ऐसे वक्तव्य दे रही हैं । उन्हें देश के बाहर जाने से रोककर तुरंत बंदी बनाना चाहिए !
के नितिशेश्वर महाविद्यालय के सहायक प्राध्यापक लालन कुमार ने पिछले ३३ महीने में एक भी विधार्थी उनके वर्ग में न आने के कारण वह किसी को भी सिखा नहीं सके ।
ऐसे विघातक प्रशिक्षण केंद्र का पता न लगना पुलिस के लिए अत्यंत लज्जास्पद है ! ‘पुलिस को इस बात का पता नहीं लगा या उसने अनदेखा किया ? , इस बिंदु का भी अन्वेषण होना चाहिए एवं वास्तविकता उजागर होनी चाहिए !
हिन्दुओं को ऐसी मांग क्यों करनी पड़ती है ? सरकार स्वयं समानांतर अर्थव्यवस्था बनाने का प्रयास करने वाले एवं सीधे धर्मनिरपेक्षता का हनन करने वाले ‘‘हलाल प्रमाण पत्र ’’ पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाती ?
उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों पर महाभियोग लगाने के लिए संविधान की धारा १२४ (४) में प्रावधान है । इस में कहा है कि, अक्षमता और अनुपयुक्त बर्ताव के लिए उन पर महाभियोग लाने का प्रस्ताव लाया जा सकता है । धारा १२४ के अनुसार इन को पद से हटाने का भी प्रावधान है ।
कर्नाटक में हिन्दुओं ने उनके मंदिरों की जगह मुसलमानों को दुकानें बसाने को विरोध करने पर मुसलमान न्यायालय में गए और यह निर्णय बदलने के लिए बाध्य किया । एक ओर ऐसा होते हुए दूसरी ओर मुसलमान हिन्दुओं का इस प्रकार से विरोध करते हैं, यह हिन्दू ध्यान में रखे !
वास्तविक हिन्दुओं को ऐसी याचिकाएं क्यों प्रविष्ट करनी पडती हैं ? केंद्र सरकार ही भारत की सर्व विवादित मस्जिदों का सर्वेक्षण कर सत्य उजागर करने के लिए कदम उठाए !
देहली में पिछले एक वर्ष में घरेलू सिलेंडर का मूल्य ८३४.५० रुपए से बढकर अब १ सहस्र ५३ रुपए पहुंच गया है । सभी महानगरों में साधारणत: इसी प्रकार की बढत हुई है । पूरे वर्ष में घरेलू सिलेंडर लगभग २१८.५० रुपए महंगा हुआ है ।
कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ती का सुनवाई के समय आरोप