कर्नाटक के मठ एवं देवस्थानों को भाजपा शासन की ओर से १४२ करोड रुपए का अनुदान सम्मत !
इस निर्णय के लिए कर्नाटक के बसवराज बोम्माई शासन का अभिनंदन ! अब अन्य भाजपाशासित अन्य राज्य भी यह निर्णय अपनाएं !
इस निर्णय के लिए कर्नाटक के बसवराज बोम्माई शासन का अभिनंदन ! अब अन्य भाजपाशासित अन्य राज्य भी यह निर्णय अपनाएं !
राजस्थान में चूंकि कांग्रेस की सरकार इस्लामिक देशों की तरह ही शासन कर रही है, इसलिए देखा जा सकता है कि धार्मिक संगठनों ने कितना आतंक मचा रखा है ! इससे पता चलता है कि कांग्रेस ने देवभाषा संस्कृत को मृत भाषा घोषित कर उसका तिरस्कार किया है और ऐसा करती ही जा रही है ! इस तथ्य से यह सिद्ध होता है । इस परिस्थिति को बदलने के लिए हिन्दू राष्ट्र ही एकमात्र विकल्प है !
देश में ऐसे सैकडों ‘दाग’ हैं, पहले भी थे और आगे भी रहेंगे, इसमें जनता को संदेह नहीं ! यदि इस स्थिति को बदलना है, तो बडा संघर्ष करना पडेगा; लेकिन इसके लिए जनता की तैयारी नहीं, यही वस्तूस्थिति है !
ऐसे वासनांधों को फांसी का दंड होने के लिए सरकार को प्रयास करने चाहिए !
तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अब इस विषय पर चुप क्यों ? उन्हें इस घोटाले की जानकारी नहीं थी, क्या वह ऐसा कह सकती हैं ? इस प्रकरण में उन्हे त्यागपत्र देना अपेक्षित है !
नूपुर शर्मा प्रकरण पर धर्मांधों द्वारा हिन्दुओं को, साथ ही उनके कार्यकर्ताओें को लक्ष्य किया जा रहा है, यह पिछली कुछ घटनाओं से समझ में आ रहा है । हिन्दुओं के लिए यह खतरे की घंटी ही है । इन आक्रमणों से स्वयं की रक्षा करने के लिए हिन्दुओं द्वारा स्वसंरक्षण प्रशिक्षण लेने के सिवाय पर्याय नही !
हिन्दुओं के कार्यक्रमों में यदि केवल लाठियां भी हों, तब भी आतंकवादियों समान उनकी छवि निर्माण करनेवाले तथाकथित आधुनिकतावादी, हिन्दूद्वेषी मीडिया आदि अब मौन क्यों ?
ऐसे विद्यालयों का पंजीकरण रद्द कर सबंधितों को सिक्खों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में कारागृह में बंद कर देना चाहिए; इससे उन पर धाक रहेगी ।
श्रवण कुमार ने बताया कि इस्लाम धर्म में अधिक मात्रा में अपने-पराए का भाव है । यहां भाई भाई का नहीं होता । लोग स्वार्थ तथा संपत्ति हेतु हत्या भी कर देते हैं । इन बातों से मैं अधिक परेशान था और मैंने निश्चय किया कि मैं हिन्दू धर्म अपनाऊंगा ।
काँग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष द्वारा किए विधान कि ‘भारत की तिजोरी पर पहला अधिकार अल्पसंख्यकों का’ का विरोध !