फतेहपुर (उत्तरप्रदेश) के सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारी अब्दुल जमील का हिन्दू धर्म में प्रवेश

फतेहपुर (उत्तरप्रदेश) – यहां के संकटमोचन मंदिर में ६६ साल के अब्दुल जमील ने  इस्लाम धर्म को त्याग कर हिन्दू धर्म अपनाया । उस समय संबंधित विधि की गई । तत्पश्चात उनका नाम श्रवण कुमार रखा गया । वे सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हैं । पिछले कुछ वर्षों से उनके मन में सनातन धर्म के प्रति रुचि निर्माण हुई तथा दो वर्ष पूर्व उन्होंने हिन्दू धर्म अपनाने की इच्छा व्यक्त की थी । कुछ दिन पूर्व अखिल भारत हिन्दू महासभा के प्रांतीय महामंत्री के साथ उनका परिचय हुआ । तत्पश्चात उन्होंने हिन्दू धर्म स्वीकार करने का निर्णय लिया ।

इस्लाम धर्म में अधिकांश अपने-पराए का भाव !

श्रवण कुमार ने बताया कि इस्लाम धर्म में अधिक मात्रा में अपने-पराए का भाव है  । यहां भाई भाई का नहीं होता । लोग स्वार्थ तथा संपत्ति हेतु हत्या भी कर देते हैं । इन बातों से मैं अधिक परेशान था और मैंने निश्चय किया कि मैं हिन्दू धर्म अपनाऊंगा । मैं भगवान श्रीराम की पूजा करता हूं तथा वही मेरे आराध्य देवता हैं । जब पहली बार मैं ‘विष्णु विष्णु’ कहते हुए हवन करने लगा, तो मुझे अत्यंत अच्छा प्रतीत हुआ । मैंने धर्मपरिवर्तन नहीं किया है; मैं मेरे मूल सनातन धर्म में लौटकर आया हूं । श्रीराम संपूर्ण भारत के पूर्वज हैं । सभी को उन्हें स्वीकार करना चाहिए । हिन्दू धर्म अपनाने के लिए मुझ पर किसी का भी दबाव नहीं था । हमारे पूर्वज क्षत्रिय थे । मेरे परदादाजी का नाम पुत्तु सिंह था। हमारा परिवार पहले राजपूतों से संबंधित था ।

साले ने की मारपीट

श्रवण कुमार ने बताया, ‘२ मास पूर्व जब मैंने पहली बार हिन्दू धर्म स्वीकार करने के संदर्भ में परिवार को बताया, तब बाबर नामक मेरे साले ने मुझे समझाने का बहुत प्रयास किया । किंतु मैं सुनने की स्थिति में नहीं हूं, यह बात उनके ध्यान में आने के पश्चात उन्होंने मेरे साथ मारपीट भी की । मुझे मेरे ही घर में बंदी बनाया गया । किंतु मुझे श्रीराम पर  विश्वास था । मैंने घर में रहकर ही उनकी पूजा की । अब मुझे किसी का भी भय नहीं है । यदि किसी ने मुझे धमकाया, तो मैं पुलिस में परिवाद प्रविष्ट करूंगा तथा जनपदाधिकारियों से सुरक्षा की मांग करूंगा ।’