Hindu Hater Teacher : मेरठ (उत्तर प्रदेश) के एक निजी विद्यालय में एक शिक्षक ने छात्रों को माथे पर लगाया तिलक मिटाने के लिए किया बाध्य !

कदम पब्लिक स्कूल में छात्रों के माथे पर लगाया तिलक मिटाने के प्रकरण में बजरंग दल द्वारा स्पष्टीकरण मांगा जाने पर स्कूल की मुख्य अध्यापिका ने क्षमा मांगी ।

CPI(M) Unwanted Advice : धर्म व्यक्तिगत विषय है एवं उसका उपयोग राजनीतिक लाभ के लिए न हो ! – माकपा

माकपा की हिन्दुद्वेषी दोहरी नीति ! यदि मंदिर के स्थान पर किसी मस्जिद अथवा चर्च का उद्घाटन होता, तो क्या माकपा ने ऐसा वक्तव्य दिया होता ?

Hindu Hater : (और इनकी सुनिए…) ‘हिन्दू धर्म एक छलावा है !’ – स्वामी प्रसाद मौर्य

स्वामी प्रसाद मौर्य निरंतर हिन्दू धर्म के विषय में आपत्तिजनक वक्तव्य देते हैं । तब भी उन पर कोई कार्रवाई न होना, यह पुलिस, सरकार एवं हिन्दू धर्मियों के लिए लज्जाजनक  !

विद्यार्थी द्वारा जय श्री राम, जय भवानी तथा जय शिवाजी लिखा हुआ कागज फाडकर शिक्षिका ने कचरे के डिब्बे में फेंका ।

अभिभावक और नागरिकों के डांटने पर शिक्षिका ने मांगी क्षमा ! 

(और इनकी सुनिए…) ‘हिन्दुओं के मंदिरों में हत्या और लडकियों का बलात्कार होने से वहां जाना बंद करें !’ – आम आदमी पार्टी के विधायक राजेंद्र पाल गौतम

मस्जिदों, मदरसों, चर्चों में जो कुछ होता हुआ दिखता है, इस विषय में राजेंद्र पाल गौतम कभी विधान नहीं करेंगे; कारण इसका परिणाम उन्हें ज्ञात है !

(और इनकी सुनिए …) ‘क्या सरकार रामायण एवं महाभारत पढाकर वस्त्र-हरण जैसी घटनाओऺ को प्रोत्साहित करना चाहती है ?’ – समाजवादी पक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य

मदरसों में क्या पढाया जाता है ? क्या मौर्य कभी इस विषय में मुंह खोलेंगे कि वहां के छात्र, देश एवं समाज के लिए क्या करते हैं ?

‘गणपति काल्पनिक देवता’ कहनेवाले पंडिताराध्य शिवाचार्य स्वामी के विरुद्ध परिवाद प्रविष्ट !

समाज को सत्य का ज्ञान देना स्वामीजी से अपेक्षित है । ऐसा होते हुए भी सस्ती लोकप्रियता के लिए और राजनीतिक लाभ से प्रेरित होकर ऐसा वक्तव्य देना, समाज को विघटित करने समान ही है ! ऐसे स्वामी के विरुद्ध अपराध प्रविष्ट कर कठोर कार्यवाही की जानी चाहिए !

Acharya Pramod Krishnam on Congress : कांग्रेस के कुछ नेता श्रीराममंदिर एवं श्रीराम का तिरस्कार करते हैं !

कांग्रेस के नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम् द्वारा घर को उपहार  !

किसी को भी किसी भी विचारधारा को नष्ट करने का अधिकार नहीं है! – मद्रास उच्च न्यायालय

जनसामान्य का विचार है कि माननीय न्यायालय को मात्र फटकार लगाकर, निंद्य कृति करने वालों इस प्रकार छोडना नहीं चाहिए, बल्कि संबंधित पुलिस के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने और आरोपियों को बंदी बनाने का आदेश भी देना चाहिए !