रामायण-महाभारत पर खोज करनेवाले प्रा. लाल !
ब्रज बसीलाल अर्थात पुरातत्वशास्त्रज्ञ और लेखक प्रा. बी.बी. लाल का जब निधन इसी महीने १० सितंबर २०२२ को हुआ, तब वे १०१ वर्ष के थे । उनका नाम श्रीरामजन्मभूमि अभियोग से जुडने पर अनेक लोगों को उनके विषय में जानकारी हुई ।
न्यायव्यवस्था को सुदृढ करना आवश्यक !
न्यायालय के कार्य की फलोत्पत्ति बढने के लिए ‘अभियोगों (मुकदमों) पर निर्णय देने की सीमा निर्धारित करना आवश्यक है !
आंध्र प्रदेश सरकार की साहूकारी (दादागिरी) !
आंध्र प्रदेश में जब से हिन्दूद्वेषी सरकार सत्ता में आई है, तब से वहां हिन्दुओं पर हो रहे आघातों की शृंखला रुकने का नाम नहीं ले रही है ।
आतंकवादियों से लडाई !
वर्ष २०११ के ९ सितंबर ‘९/११’ को जिस ‘वर्ल्ड ट्रेड सेंटर’ के ‘ट्वीन टॉवर’ पर हुए आतंकवादी आक्रमण में ३ सहस्र से अधिक अमेरिकी नागरिक मारे गए थे, उसका प्रतिशोध अमेरिका ने अंततः १ अगस्त २०२२ को ले ही लिया ।
सावधान ! २०४७ में ‘दार-उल-इस्लाम’ !
हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा ‘हम संवैधानिक पद्धति से हिन्दू राष्ट्र की स्थापना करेंगे’, यह घोषणा दिए जाने पर आक्रोश कर चिल्लानेवाले धर्मनिरपेक्षतावादी अब कहां हैं ? अथवा क्या उन्हें इस्लामी राष्ट्र चलेगा ? यह प्रवृत्ति तो पाखंडी धर्मनिरपेक्षता और हिन्दूविघातक दोहरी नीति का उदाहरण है !
दंगों के अपराधियों की गिरफ्तारी !
जब हिन्दुओं और हिन्दुत्व के लिए प्रतिकूल समय था, तब अनेक राष्ट्रविरोधी शक्तियों ने उसमें अपने हाथ धो लिए । अब उसका दंड भुगतने का समय आ गया है; क्योंकि आज के समय में हिन्दुओं, हिन्दुत्व और हिन्दू राष्ट्र के लिए अनुकूल समय बडी तीव्र गति से आ रहा है ।
‘अग्नि’मय पथ !
आज का विषय भी सेना से संबंधित है । संरक्षण मंत्रालय ने युवकों के लिए ‘अग्निपथ’ नामक सेना भर्ती की योजना बनाई थी । इसके अंतर्गत साढे सत्रह से १ वर्ष इस आयुवर्ग के युवक सेना में भरती हो पाएंगे । उन्हें ‘अग्निवीर’ नाम से संबोधित किया जाएगा ।
पाकिस्तान में चलते बनो !
भारत को धर्म के आधार पर विभाजित कर एक बडा भूभाग मुसलमानों को दिया गया; मात्र मोहनदास गांधी के ऐसा कहने पर कि ‘जिन मुसलमानों को भारत में रहना है, वे यहीं रह सकते हैं’, परिणामस्वरूप मुसलमानों की भारी जनसंख्या इस देश में ही रह गई । आज वही इस देश को नष्ट करने पर तुले हैं ।
सूक्ष्म स्तर पर कार्य करनेवाले एकमेवाद्वितीय !
जब-जब अधर्म बलवान होता है, तब-तब मैं अवतार लेता हूं और धर्म की पुनर्स्थापना करता हूं’, ऐसा श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने बताया है । भगवान श्रीकृष्ण का संपूर्ण चरित्र देखें, तो उसमें विविध बातें अंतर्भूत हैं ।