New Orleans Attack : आक्रमणकारी की पहचान ४२ वर्षीय शम्सुद्दीन जब्बार, पूर्व सैन्य अधिकारी, के रूप में हुई !
आतंकवाद के शिकार होने वालों का धर्म चाहे जो भी हो, लेकिन आतंकवादियों का धर्म होता है, यह घटना फिर से स्पष्ट करती है।
आतंकवाद के शिकार होने वालों का धर्म चाहे जो भी हो, लेकिन आतंकवादियों का धर्म होता है, यह घटना फिर से स्पष्ट करती है।
शिरडी में ‘महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद’ के सैकड़ों मंदिर ट्रस्टियों ने हाल ही में मंदिरों पर और मंदिर के भूमी पर हुआ अतिक्रमण को तत्काल हटाने की मांग के लिए हर हफ्ते ‘मंदिर में सामूहिक आरती’ आयोजित करने का निर्णय किया है।
कुंभक्षेत्र में हमने जो फलक लगाए हैं, वह हिन्दुओं में जागृति लाने के लिए हैं तथा वो उचित ही हैं हिन्दुओं को यदि हम जागृत नहीं करेंगे, तो और कौन करेंगे ?, यह प्रश्न महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के नाणीजधाम के जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्यजी महाराज ने उठाये ।
हिन्दुओं की रीति-रिवाजों और परंपराओं के विरुद्ध कानून का डंडा उठाने वाला प्रशासन मुहर्रम के दौरान दी जाने वाली पशु बलि पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाता ? प्रशासन की धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा यही है क्या ?
जो हमारा है, वह हमें मिलना चाहिए और उसपर हमारा अधिकार भी है । यहां की एक-एक इंच भूमि हमारी है । मत्स्य पालन एवं बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने विश्वास दिलाया कि अयोध्या तो मिल गई और अब श्रीकृष्णभूमि भी मिल जाएगी, यह विश्वास उन्होने व्यक्त किया
देश में जहां ५-६ करोड बांग्लादेशी घुसपैठिए होने का स्पष्ट होते हुए भी उन पर तीव्रता के साथ कार्यवाही क्यों नहीं की जाती ? बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत में प्रवेश दिलानेवाले, स्थानीय स्तर पर उनकी सहायता करनेवाले तथा उनके विरुद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही न करनेवाले ऐसे सभी लोगों पर ही कार्यवाही की जानी चाहिए !
७ वर्ष के उपरांत न्याय मिलना एक प्रकार से अन्याय ही है !
ऐसे देशद्रोहियों को फांसी का दंड देना चाहिए ! साथ ही अब देश में मदरसों को बंद करना अपरिहार्य हो गया है और इसके लिए हिन्दुओं को सरकार पर दबाव बनाना चाहिए !
भारत में लव जिहाद करनेवाले धर्मांध मुसलमान ब्रिटेन में ईसाई लडकियों का यौन शोषण करते हैं । इससे उनकी धर्मांधता एवं वासनांधता दिखाई देती है । ब्रिटेन जैसे सुधारवादी तथा महिलाओं के अधिकारों के प्रति सजग देश में वासनांध मुसलमानों द्वारा लडकियों का जीवन ध्वस्त होता है तथा सरकार असहाय होकर कुछ भी नहीं करती, यह आश्चर्यजनक है !
यदि किसी मस्जिद या दरगाह पर किसी ने ‘ॐ’ या ‘श्री’ जैसे पवित्र चिन्ह लिख दिए होते, तो क्रोध व्यक्त करने के बजाय ‘सर तन से जुदा’ (सिर काटने) के नारे लगाए जाते। केवल बरेली या उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरा देश जल उठा होता। यह सच्चाई है !