कुंभक्षेत्र पर लगाए गए ‘डरेंगे तो मरेंगे’ के फलक की हो रही आलोचना का प्रकरण
प्रयागराज – कुंभक्षेत्र में हमने जो फलक लगाए हैं, वह हिन्दुओं में जागृति लाने के लिए हैं तथा वो उचित ही हैं हिन्दुओं को यदि हम जागृत नहीं करेंगे, तो और कौन करेंगा ?, यह प्रश्न महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के नाणीजधाम के जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्यजी महाराज ने उठाये । अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अखाडे की छावणी में आयोजित पत्रकार वार्ता में वे ऐसा बोल रहे थे । इस अवसर पर अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अखाडा, निर्वाणी अखाडा एवं दिगंबर अखाडा, इन तीनों वैष्णव अखाडों के श्रीमहंत, महंत आदि उपस्थित थे ।
जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्यजी महाराज ने कुंभक्षेत्र में ‘डरेंगे तो मरेंगे’, ‘सनातन सात्त्विक है, कायर नहीं’ तथा ‘वक्फ के नाम पर संपत्ति की लूट है, धर्मनिरपेक्ष भारत में यह कैसी छूट है ?’ , साथ ही ‘हिन्दू एक हों’ जैसे ४ फलक लगाए थे । ये फलक केवल प्रयागराज में ही नहीं, अपितु संपूर्ण उत्तरप्रदेश में चर्चा का विषय हैं । कुछ लोगों ने इसकी आलोचना करते हुए जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्यजी महाराज से अपनी भूमिका स्पष्ट करने की भी मांग की । उसके अनुसार महाराज ने अपनी भूमिका स्पष्ट की ।
जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्यजी महाराज ने आगे कहा,
१. देश के विभाजन के उपरांत पाकिस्तान में रहनेवाले हिन्दुओं की संख्या निरंतर घट रही है । वर्तमान में बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार पूरा विश्व देख रहा है । वास्तव में बांग्लादेश का विवाद राजनीतिक है; परंतु वहां जानबूझकर हिन्दुओं को लक्ष्य बनाया जा रहा है ।
२. कश्मीर में कश्मीरी हिन्दुओं को विस्थापित किया गया । वे आज भी विस्थापित ही हैं ।
३. दूसरी ओर मंदिरों को गिराकर मस्जिदें बनाए जाने की घटनाएं निरंतर सामने आ रही हैं । ऐसी भयंकर स्थिति में जगद्गुरु के रूप में हिन्दुओं को जागृत करना हमारा कर्तव्य है तथा यही हमने इन फलकों के माध्यम से किया है ।
४. हिन्दुओं को हम जागृत नहीं करेंगे, तो और कौन करेंगा ? इस भूतल पर मुसलमान, ईसाई आदि के स्वतंत्र राष्ट्र हैं; परंतु संख्या में १०० करोड हिन्दुओं का एक भी राष्ट्र नहीं है । इसलिए भारत हिन्दू राष्ट्र बनना चाहिए ।
मंदिर भक्तों के अधीन ही होने चाहिए !
जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्यजी महाराज ने आगे कहा, ‘‘मंदिरों का सरकारीकरण कदापि नहीं किया जाना चाहिए; क्योंकि जिस विचारधारा की सरकार सत्ता में आएगी, उसके अनुसार मंदिरों का कार्य चलाया जाता है । यह हिन्दुओं की आस्था से की जानेवाला खिलवाड है । इसलिए मंदिर भक्तों के ही अधीन होने चाहिए ।’’ ‘सनातन बोर्ड’की स्थापना के विषय में उन्होंने कहा, ‘‘वक्फ बोर्ड’की तर्ज पर ‘सनातन बोर्ड’की स्थापना कर बहुत कुछ साध्य नहीं होगा । हिन्दुओं की समस्याओं के समाधान के अनेक मार्ग हैं, उन्हें अपनाना होगा । तथापित कुंभक्षेत्र में होनेवाली धर्मसंसद में इस विषय पर गहन विचारमंथन होकर अंतिम निर्णय होगा ।’’
हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी की उपस्थिति !इस पत्रकार परिषद में विभिन्न अखाडों के साधु-संतों सहित हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळेजी भी उपस्थित थे । |