Bangladeshi infiltrators : मुंबई में ११ महिनों में केवल १५६ बांग्लादेशी घुसपैठियों को सीमापार निकाला गया !

केवल २ सहस्र रुपए में मिलते हैं भारतीय कागदपत्र

मुंबई, २ जनवरी : पूरा देश बांग्लादेशी घुसपैठियों की समस्या से ग्रसित है । अनेक संगठन बांग्लादेशी घुसपैठियों पर कार्यवाही हो; इसके लिए प्रयास कर रहे हैं । विगत ११ महिनों में मुंबई से बाहर निकाले गए बांग्लादेशियों के आंकडे सामने आए हैं । विगत ११ महिनों में मुंबई से केवल १५६ बांग्लादेशियों को बाहर निकाला गया, जबकि ६ महिलाओं का प्रत्यर्पण किया गया है । ‘विशेष शाखा एक’ की आई शाखा की ओर से वर्ष २०२४ में दंडमुक्त बांग्लादेश नागरिकों पर की गई कार्यवाही का ब्योरा प्रकाशित किया है, उससे यह जानकारी सामने आई है ।

१. भारत में रहने के लिए इन आरोपियों ने फर्जी कागदपत्रों के आधार पर आधारकार्ड तथा पैनकार्ड बनवा लिए थे । उन्हें केवल ५०० से २ सहस्र रुपए में ये भारतीय कागदपत्र उपलब्ध हो गए, यह बात इस जांच से सामने आई है ।

२. पिछले वर्ष अकेले मुंबई से ३६८ बांग्लादेशी नागरिकों को बंदी बनाया गया था । उससे पूर्व वर्ष २०२२ में मुंबई से १४७ बांग्लादेशी नागरिकों को बंदी बनाया गया था । उससे पूर्व राज्य आतंकवादविरोधी दल ने (ए.टी.एस्.ने) पिछले सप्ताह मुंबईसहित ठाणे, नई मुंबई तथा सोलापुर एवं नासिक जिले में विशेष अभियान चलाकर एक महिने में ४३ बांग्लादेशी घुसपैठियों को बंदी बनाया ।

घुसपैठियों की सहायता करनेवाले स्थानीय लोगों पर भी होगी कार्यवाही !

बांग्लादेशी नागरिकों को बंदी बनाए जाने के उपरांत उन्हें उनके देश वापस भेजने की प्रक्रिया के लिए अनेक वर्ष लगते हैं । उस अवधि में अनेक घुसपैठी बांग्लादेशी नागरिक विभिन्न सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ उठाते हैं । ये लोग अन्य बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत में बसाने का अवैध कार्य करते हैं । उसके कारण आतंकवादविरोधी दल ने घुसपैठियों को कागदपत्रों तथा अन्य सहायता करनेवाले पूरे गिरोह के विरुद्ध ही कार्यवाही करना आरंभ किया । उसके अंतर्गत संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों के बैंक खाते बंद करने के लिए बैंकों को नोटिस भेजे जाएंगे, साथ ही राशन कार्ड तथा ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने के लिए भी संबंधित विभागों से पत्राचार किया जाता है ।

संपादकीय भूमिका

देश में ५-६ करोड बांग्लादेशी घुसपैठिए हैं, यह स्पष्ट होते हुए भी उन पर तीव्रता के साथ कार्यवाही क्यों नहीं की जाती ? बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत में प्रवेश दिलानेवाले, स्थानीय स्तर पर उनकी सहायता करनेवाले तथा उनके विरुद्ध किसी प्रकार की कार्यवाही न करनेवाले ऐसे सभी लोगों पर ही कार्यवाही की जानी चाहिए !