जातिवाद के भंवर में न फंसकर हिन्दू के रूप में एकत्रित होकर धर्मरक्षा करना समय की मांग ! – टी. राजा सिंह, विधायक, तेलंगाना
आज हम गुज्जर, वाल्मिकी, राजपूत आदि जातियों के रूप में स्वयं का परिचय देते हैं; परंतु जब नूंह एवं मेवात में दंगा हुआ, उस समय आप किस जाति से हैं, यह धर्मांधों ने नहीं देखा ।