सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी द्वारा लिया हिन्दू राष्ट्र का ध्येय साकार होने का समय आ गया है ! – प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरिजी

प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरिजी

सनातन संस्था काल के प्रवाह की विपरीत दिशा में कमर कसकर खडी है । २५ वर्षों पूर्व ‘सनातन’ शब्द का उच्चार करना भी कठिन था, ऐसे काल में सनातन संस्था ने व्यापक धर्मकार्य आरंभ किया । भूमि, परंपरा और उन परंपराओं को संजानेवाला समाज, ये ३ बातें जहां होती हैं, उसे ‘राष्ट्र’ कहते हैं । इसे वास्तविकता में उतारकर दिखाना होता है और यह सनातन ने किया है । सनातन संस्था के बढते कार्य को देखकर साक्ष मिलती है, ‘यह कार्य अब रुकेगा नहीं, अपितु उत्तरोत्तर बढता ही जाएगा और एक दिन हिन्दू राष्ट्र-स्थापना का ध्येय साकार होगा ।’ पहले सनातन शब्द का उच्चारण तक नहीं होता था । अब तो राजधानी देहली में ‘सनातन बोर्ड’ स्थापना करने की मांग हो रही है । यह ‘सनातन’ शब्द गोवा से (‘सनातन संस्था’ इस नाम के कारण) देहली में गया है । यह ‘सनातन’ शब्द की शक्ति है । २५ वर्षों में सनातन संस्था के सामने अनेक संकट आए । आज सनातन के तप का (अर्थात व्यापक धर्मकार्य का) परिणाम हमें देखने को मिल रहा है ।  सनातन संस्था का जितना गुणगान करें, वह अल्प ही है । सनातन संस्था के सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी द्वारा लिया हिन्दू राष्ट्र का ध्येय साकार होने का समय आ गया है ।

विचार भले ही कितने ही उदात्त हों; परंतु यदि शक्ति नहीं होगी, तो वे व्यर्थ हैं । शक्ति नहीं होगी, तो उसका नाश होता है । सनातन संस्था की सबसे बडी विशेषता है कि उसने इन २५ वर्षों में केवल धर्म का प्रचार नहीं किया, अपितु प्रतिकार करनेवाला समाज भी निर्माण किया । उसकी जन्मघुट्टी समाज को पिलाई । गोवा की ‘भोगभूमि’ प्रतिमा बदलकर उसे ‘परशुराम की भूमि’ बनाने का काम सनातन संस्था, मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत और उनकी सरकार ने किया है ।