Supreme Court Mob Lynching : समूह द्वारा होनेवाली हत्याओं को धर्म से न जोडें ! – सर्वोच्च न्यायालय
कन्हैयालाल हत्या मामले का उल्लेख याचिका में न होने से न्यायालय ने मुसलमान अधिवक्ता को सुनाई !
कन्हैयालाल हत्या मामले का उल्लेख याचिका में न होने से न्यायालय ने मुसलमान अधिवक्ता को सुनाई !
पाकिस्तान में हिन्दुओं द्वारा इस्लाम का अपमान करने की अफवाह फैलाकर उन्हें जान से मारने की अथवा दंड सुनाए जाने के अनेक उदाहरण हैं । नेपाल के मुसलमान भी यही कर रहे हैं, ऐसा लगे इसमें क्या गलत ?
न्यायालय ने मुसलमान पक्ष की मांगों को अस्वीकार किया । इसलिए अब इन याचिकाओं की सुनवाई एकसाथ उच्च न्यायालय में होगी ।
‘हम आपको फाड डालेंगे’ ऐसा कहने की यह भाषा सडक छाप है और यह संकटजनक है । ऐसे शब्द संवैधानिक न्यायालय के न्याय के शब्दकोश का भाग नहीं हो सकते ।
यदि रहीम के बदले में किसी हिन्दू के विषय में ऐसा हुआ होता, तो क्या ऐसा बंधुभाव जताया जाता ?, यह प्रथम प्रश्न है ! ‘हिन्दुद्वेष एवं मुसलमानप्रेम’, ऐसी भारतीय साम्यवाद की परिभाषा होने के कारण क्या विजयन ने पीडित हिन्दू की रक्षा के लिए मुस्लिमों को चुनौती दी होती, यह दूसरा प्रश्न है !
न्यायालय को ऐसे चिकित्सालयों को केवल फटकार कर छोड देने की अपेक्षा उनसे आश्वासनों एवं नियमों की पूर्ति हो, इसलिए कठोर नीति अपनाकर आदेश देना चाहिए, ऐसा ही आम-जनता को लगता है !
सर्वोच्च न्यायालय के प्रखर हिन्दुत्वनिष्ठ अधिवक्ता (श्री.) अश्विनी उपाध्यायजी ने गुडी पाडवा (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) के मंगलपर्व पर ९ अप्रैल को सनातन आश्रम की सदिच्छा भेंट ली ।
सर्वोच्च न्यायालय ने ‘उत्तर प्रदेश बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट २०२४ ‘ को असंवैधानिक घोषित करने वाले इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के निर्णय पर रोक लगा दी है, साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार से इस संबंध में उत्तर मांगा है।
उच्चतम न्यायालय ने मतगणना के समय ‘वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ की सभी रसीदों की गिनती करें, ऐसा निर्देश चुनाव आयोग को दिया है ।
यहां भोजशाला के भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की ओर से किए जा रहे सर्वेक्षण को स्थगिति देने से उच्चतम न्यायालय ने नकार दिया ।