नेपाल में मुसलमानों ने न्यायमूर्ति के विरोध में मोर्चा निकालकर ‘सर तन से जुदा’ के लगाए नारे !

न्यायाधीश द्वारा कथित इस्लाम विरोधी ‘पोस्ट’ प्रसारित करने का गलत दावा

(सर तन से जुदा अर्थात सिर धड से अलग करना)

काठमांडू – नेपाल में उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति कमलनारायण दास के नाम की एक ‘पोस्ट’ सामाजिक माध्यमों पर प्रसारित हुई है । इस पोस्ट में प्रेषित मोहम्मद पैगंबर का अपमान करने का आरोप करते हुए मुसलमानों ने रास्ते पर उतरकर आंदोलन किया । इस भीड ने ‘अल्लाह-हु-अकबर’ (अल्लाह महान है), ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगाते हुए अनेक स्थानों पर रास्तों पर यातायात बाधित किया । नेपाल के ‘मुस्लिम आयोग’ द्वारा संचालित इस प्रकरण में सरकार को लिखे पत्र में न्यायमूर्ति कमलनारायण दास के विरोध में कठोर कार्यवाही की मांग की गई है । नेपाली पुलिस अथवा कोई भी जांच एजेंसी अधिकृत रूप से यह पोस्ट किसकी ओर से लिखी गई है, यह नहीं बता सकी। ऐसा होते हुए भी नेपाल का मुसलमान समुदाय रास्ते पर उतरकर न्यायमूर्ति दास को बंदी बनाए जाने की मांग कर रहा हैं ।

मुस्लिम आयोग का हो-हल्ला

इस पोस्ट में रमजान के अवसर पर किए जानेवाले उपवास पर टिप्पणी करने का आरोप मुस्लिम आयोग ने किया है । रमजान के समय यह पोस्ट प्रसारित करना अर्थात नेपाल में बंधुत्व नष्ट करने का षड्यंत्र है । इस प्रकरण में अभिव्यक्ति स्वतंत्रता जैसे युक्तिवाद गलत होकर हमारी संस्कृति पर आक्रमण है, ऐसा मुस्लिम आयोग ने कहा है ।

संपादकीय भूमिका 

  • पाकिस्तान में हिन्दुओं द्वारा इस्लाम का अपमान करने की अफवाह फैलाकर उन्हें जान से मारने की अथवा दंड सुनाए जाने के अनेक उदाहरण हैं । नेपाल के मुसलमान भी यही कर रहे हैं, ऐसा लगे इसमें क्या गलत ?
  • विश्व की पीठ पर कहीं भी हो, धर्म पर कथित आघात होने का दावा कर मुसलमान कानून हाथ में लेते हैं, इसका यह और एक उदाहरण !