कन्हैयालाल हत्या मामले का उल्लेख याचिका में न होने से न्यायालय ने मुसलमान अधिवक्ता को सुनाई !
नई देहली – सर्वोच्च न्यायालय ने समूह द्वारा होनेवाली अल्पसंख्यक समाज के व्यक्तियों की हत्या के मामले पर प्रविष्ट (दाखिल) की गई एक याचिका की सुनवाई करते समय अधिवक्ता सलीम पाशा को फटकार लगाई । इस याचिका में उदयपुर के कपडे सिलनेवाले कन्हैयालाल की हत्या का उल्लेख नहीं किया गया था । इस बात को लेकर न्यायालय ने सलीम पाशा को फटकारते हुए कहा कि, ‘ऐसे मामलों में चयनशील नहीं होना चाहिए; क्योंकि यह मामला सभी राज्यों से संबंधित है । धर्म के आधार पर ऐसी घटनाओं की ओर न देखें ।’
Do not link mob Lynchings to religion! – Supreme Court
Since the petition did not mention the Kanhaiyalal murder case, the court reprimands the Mu$l!m lawyer.#SupremeCourtOfIndia pic.twitter.com/OuBLufYptc
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) April 17, 2024
‘नैशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वुमन’, इस संस्था की ओर से पीछले वर्ष यह याचिका प्रविष्ट (दाखिल) की गई है । समूह द्वारा हत्या होनेवाले परिजनों को क्षतिपूर्ति देने की मांग इसमें की गई है । न्यायालय ने समूह द्वारा हुई अत्याओं के मामले में की कार्यवाही पर ६ सप्ताहों तक अनेक राज्यों से उत्तर मंगवाया है । न्यायालय के ग्रीष्मकालीन अवकाश समाप्त होने के उपरांत आगे की सुनवाई होगी ।