उच्चतम न्यायालय का चुनाव आयोग को आदेश !
(वी.वी.पी.ए.टी. अर्थात ‘वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ यंत्र । इसके द्वारा इलेक्ट्रॉनिक मतदान यंत्र द्वारा दिया मत सही उम्मीदवार को ही गया है, यह दिखाता है ।)
नई देहली – उच्चतम न्यायालय ने मतगणना के समय ‘वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ की सभी रसीदों की गिनती करें, ऐसा निर्देश चुनाव आयोग को दिया है । इसके पूर्व लोकसभा चुनाव क्षेत्र के प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के किसी भी ५ इलेक्ट्रॉनिक मतदान यंत्र तथा ‘वी.वी.पेट’ के रसीदों की जांच की जाती थी । सभी वी.वी.पेट के रसीदों की जांच की जाए, ऐसी मांग करने वाली याचिका उच्चतम न्यायालय में प्रविष्ट की गई थी । ‘एक के बाद एक क्रम से वी.वी.पेट के रसीदों की गिनती करने पर मतों की गिनती में विलंब लग सकता है’, चुनाव आयोग के युक्तिवाद को इसमें चुनौती दी गई है । इस पर सुनवाई करते समय न्यायालय ने उपरोक्त निर्देश दिए ।
प्रत्येक विधानसभा चुनाव क्षेत्र में भी मतगणना के लिए अधिक अधिकारी तैनात किए गए और एक ही समय वी.वी.पेट के रसीदों की गिनती की गई तो संपूर्ण वी.वी.पेट जांच लगभग ५ से ६ घंटे में पूर्ण हो सकेगी, ऐसा युक्तिवाद याचिकाकर्ता की ओर से किया गया ।
क्या है वी.वी.पेट यंत्र ?
वी.वी.पेट यंत्र इलेक्ट्रॉनिक मतदान यंत्र का ‘बैलेट यूनिट’ जुडा होता है । जब मतदाता मतदान यंत्र द्वारा मतदान करता है, उसकी मतपत्रिका वी.वी.पेट में जमा होती है । मतदाता ने जिस उम्मीदवार को मत दिया है, उस मतदाता द्वारा चुना गया चिन्ह वी.वी.पेट यंत्र में दिखता है । अर्थात उसका मत सही व्यक्ति को गया है इसकी निश्चिती मतदाताओं को हो ,इसलिए वी.वी.पेट यंत्र होता है । मतदाताओं की वी.वी.पेट यंत्र में मतपत्रिका केवल देख सकते हैं । ७ सेकंड होने के उपरांत यह मतपत्रिका अपनेआप वी.वी.पेट यंत्र में जमा हो जाती है ।