Dabholkar Murder Case Verdict : डॉ. दाभोलकर हत्या के मामले में ३ जन निर्दोष मुक्त , जबकि २ जन दोषी
सभी संदिग्ध अपराधियों पर लगाया ‘यु.ए.पी.ए.’ (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) न्यायालय ने हटाया !
सभी संदिग्ध अपराधियों पर लगाया ‘यु.ए.पी.ए.’ (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) न्यायालय ने हटाया !
१० मई को न्यायालय ने डॉ. नरेंद्र दाभोलकर हत्या प्रकरण में सनातन संस्था के साधक श्री. विक्रम भावे को निर्दाेष मुक्त किया । न्यायालय के इस निर्णय का हम स्वागत करते हैं ।
आज ‘हिन्दू आतंकवाद’ का षड्यंत्र रचनेवालों की पराजय हुई है, साथ ही इस प्रकरण में दोषी प्रमाणित हिन्दुत्वनिष्ठ कार्यकर्ता सचिन अंदुरे एवं शरद कळसकर को भी निर्दाेष मुक्त कराने हेतु हम लडेंगे’, ऐसा सनातन संस्था ने इस अवसर पर घोषित किया ।
आज अदालत ने मुझे बरी कर दिया हैं। मेरे दृ्ष्टी से, यही परिणाम अपेक्षित था। मुझे गलत तरीके से गिरफ्तार किया गया। मेरे ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं था। इसलिए अदालत के सामने कोई सबूत नहीं आया ।
दाभोलकर की आत्मा को कुछ तो न्याय मिलना चाहिए । हत्यारों को दंड मिला होगा, तो भी मुख्य सूत्रधार छूट गया । इसके लिए राज्य सरकार को अपील करनी चाहिए ।
२०१६ से मैं दाभोलकर हत्या मामले पर ध्यान रख रहा हूं। ज इस प्रसंग का परिणाम आया । वास्तव में जिन लोगों ने मारी थी, उन्हें दंड मिला, जबकि साक्ष्य (सबूतों) के अभाव में तीन लोगों को रिहा कर दिया गया है ।
डॉ. वीरेंद्रसिंह तावडे निर्दोष मुक्त हुए हैं । उन पर सूत्रधार होने का आरोप था, वह न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया है । सीबीआई ने उन पर आतंकवादी कार्यवाहियां करने का आरोप लगाकर उन्हें दोषी सिद्ध करने का प्रयास किया था ।
डॉ. वीरेंद्रसिंह तावडे, अधिवक्ता संजीव पुनाळेकर और विक्रम भावे को न्यायालय ने निर्दोष मुक्त किया, तो अन्य २ आरोपी सचिन अंदुरे और शरद कळसकर को न्यायालय ने दोषी ठहराया है ।
९ हजार धर्मप्रेमी तथा हिन्दू बने अद्वितीय क्षणों के साक्षी !
सनातन धर्म की महिमा व गौरव वृद्धिंगत करने के लिए २१ अप्रैल को पुणे नगर में सनातन धर्म की सेवा और कार्य, सर्व लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से ‘सनातन गौरव शोभायत्रा’ का आयोजन किया गया है।