Dabholkar Murder Case Verdict : (और इनकी सुनिए…) ‘मुख्य सूत्रधार के लिए राज्य सरकार को अपील करनी चाहिए !’ – शरद पवार

कथित आधुनिकतावादी राजनेताओं का सदा का रोना !

दाभोलकर हत्या के मामले के निर्णय में इतने वर्ष लगने से हम अशांत थे । कम से कम कुछ तो निर्णय हुआ । दाभोलकर की आत्मा को कुछ तो न्याय मिलना चाहिए । हत्यारों को दंड मिला होगा, तो भी मुख्य सूत्रधार छूट गया । इसके लिए राज्य सरकार को अपील करनी चाहिए । (हिन्दू आतंकवाद का मिथक समाज मन पर अंकित करने में पवार आगे थे । न्यायालय के निर्णय से यह मिथक उद्ध्वस्त हुआ है । क्या इसलिए पवार हिन्दुओं से क्षमा मांगेंगे ? जवाब दो ! – संपादक)

(और इनकी सुनिए…) ‘पुन: एक बार विवेकशील विचारों के मार्गपर चलना होगा !’ – जितेंद्र आव्हाड, शरद पवार गुट के नेता

डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के ११ वर्ष उपरांत हुए निर्णय का स्वागत ! दाभोलकर परिवार और अंनिस के सभी कार्यकर्ताओं ने संयमित रूप से लडी लडाई का अभिमान लगता है ! आज संपूर्ण देश जुमलेबाजी, झूठे वादे और ढोंगी धार्मिक दिखावे से त्रस्त होकर पुनः एक बार विवेकशील विचारों के मार्ग पर चलने को तैयार है । कुछ सिरफिरे लोगों ने डॉ. दाभोलकर को समाप्त किया; परंतु वे उनके विचारों को समाप्त नहीं कर सके । विवेकशील विचारों की आवाज बुलंद हो ! (गुंडागर्दी करने वाले राजनेताओं ने विवेकशील भाषा का प्रयोग करना यही बड़ा विनोद है ! – संपादक)

(और इनकी सुनिए…) ‘मास्टरमाइंड’ को भी दंड मिलना आवश्यक ! – विधायक रोहित पवार, शरद पवार गुट (ट्विटर के माध्यम से दी प्रतिक्रिया)

अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के मामले में शरद कळसकर और सचिन अंदुरे इन आरोपियों को आजीवन कारावास का दंड सुनाए जाने के लिए न्यायालय के आभार ! परंतु कुछ आरोपी निर्दोष मुक्त हुए, उनपर लगाए आरोप प्रमाणित करने में सरकार को असफलता मिली, इसका दु:ख होता है । इसीके साथ आरोपियों को दंड मिलना भी आवश्यक ही है; परंतु इस मामले के ‘मास्टरमाइंड’ का नाम अभी सामने नहीं आया है । उनको चारो ओर से चीत कर, असहाय कर, कानून की चपेट में लाकर दंड देना आवश्यक है । (दाभोलकर प्रकरण का मास्टरमाइंड आने वाले समय में सामने आएगा ही; परंतु राष्ट्रवादी कांग्रेस के कार्यकाल में अनेक घोटाले हुए । इसका मास्टरमाइंड कौन है ?’, यह जानने के लिए जनता उत्सुक है ! – संपादक)