सनातन संस्‍था के ‘अध्यात्म का प्रास्ताविक विवेचन’ नामक गुजराती ‘ई-बुक’का प्रकाशन !

वैश्‍विक हिन्दू राष्‍ट्र महोत्‍सव के ५ वें दिन सनातन संस्था के ‘अध्‍यात्‍म का प्रास्‍ताविक विवेचन’ नामक गुजराती ‘ई-बुक’का प्रकाशन उत्तरप्रदेश के पावन चिंतन धारा आश्रम के संस्‍थापक पू. प्रा. पवन सिन्‍हा गुरुजी के शुभहस्तों किया गया ।

‘वैश्‍विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ में भाजपा प्रवक्ता माधव भंडारी को किया गया सम्मानित !

महाराष्ट्र भाजपा के राज्य प्रवक्ता श्री. माधव भंडारी ने २८ जून को ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ स्थल का अवलोकन किया । उसके उपलक्ष्य में हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. सुनील घनवट ने उन्हें सम्मानित किया

बांदिवडे गांव के (फोंडा, गोवा) सरपंच रामचंद्र नाईक का वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में सम्मान !

बांदिवडे गांव के सरपंच श्री. रामचंद्र नाईक २८ जून को रामनाथ मंदिर में हो रहे वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव में उपस्थित थे । इस अवसर पर सनातन के सद्गुरु सत्यवान कदम ने श्री. रामचंद्र नाईक को व्यासपीठ पर सम्मानित किया ।

धर्मप्रसार हेतु अधिकाधिक संत बनने आवश्यक ! – बाल सुब्रह्मण्यम्, निदेशक, मंगलतीर्थ इस्टेट एवं ब्रुकफील्ड इस्टेट, चेन्नई, तमिलनाडू

वेद, पुराणों, उपनिषदों, गीता, रामायण, महाभारत आदि धर्मग्रंथों में एक शब्द का भी परिवर्तन हुए बिना वे हम तक पहुंचे हैं । यह केवल गुरु-शिष्य परंपरा के कारण संभव हुआ है; इसलिए हमें गुरु-शिष्य परंपरा का सम्मान करना चाहिए ।

हिन्दुओं के विरोध में झूठी कथाएं तैयार की जा रही हैं ! – रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति

एक ओर ‘आतंकियों का धर्म नहीं होता’, ऐसा कहा जाता है; जबकि दूसरी ओर हिन्दू आतंकवाद की झूठी कथाएं तैयार की जाती हैं ।

हिन्दुत्वनिष्ठों को ‘डिजिटल’ योद्धा बनना चाहिए ! – स्वप्नील सावरकर, संपादक, हिन्दुस्थान पोस्ट (डिजिटल मीडिया हाऊस), मुंबई, महाराष्ट्र

माध्यमों में हिन्दुत्व के प्रति नकारात्मकता है । आज का युग ‘डिजिटल’ युग है । क्या हम इस ‘डिजिटल’ युग की नई क्रांति में सम्मिलित होने के लिए तैयार हैं ?

कश्मीर में सेना की ओर से धर्मांधों द्वारा तोडे गए कुछ मंदिरों का पुनर्निर्माण किया जा रहा है ! – मेजर सरस त्रिपाठी

एक बार अटलबिहारी वाजपेयी के पास एक पाकिस्तानी अधिकारी आकर कश्मीर का मानचित्र देकर उन्हें कहने लगा, ‘आप यह टोपी निकाल कर दें’ उस समय उन्होंने कहा, ‘‘यह टोपी नहीं, अपितु हमारा मस्तक है तथा मस्तक कोई निकालकर नहीं देता ।

संस्कृति पर आक्रमण करनेवालों के मुखौटों को पहचानकर उनके विरुद्ध लडना चाहिए ! – अभिजीत जोग, प्रबंध निदेशक, ‘प्रतिसाद’ कम्युनिकेशन

धर्मसंस्था, राष्ट्रवाद एवं शिक्षाव्यवस्था संस्कृति के आधार हैं; इसलिए उन्हें नष्ट करने का प्रयास किया गया । हमारी संस्कृति यदि नष्ट हुई, तो हमारा अस्तित्व मिट जाएगा । इसलिए इस आक्रमण को समझ लेना पडेगा ।

राष्ट्र को ध्वस्त करने के लिए प्रयासरत शक्तियों के विरोध में ध्यान केंद्रित करें ! – विनोद कुमार, संपादक, ‘स्ट्रिंग रिविल्स’, कर्नाटक

राष्ट्रविरोधी शक्तियां देश की नीतियों के विरोध में सडकों पर उतरकर दंगे कराते हैं । हिन्दुओं को अपनी आवाज बुलंद करने का प्रयास करना चाहिए तथा उसके लिए सामाजिक प्रसारमाध्यमों का प्रभावी उपयोग करना चाहिए ।

वैश्‍विक हिन्दू राष्‍ट्र महोत्‍सव में ‘अलविदा लाल सलाम’ पुस्‍तक का विमोचन !

वैश्‍विक हिन्दू राष्‍ट्र महोत्‍सव के तीसरे दिन झारखंड रांची की ‘रांची सिटिजन फोरम’ की उपाध्‍यक्षा डॉ. रेणुका तिवारी लिखित पुस्तक, ‘अलविदा लाल सलाम’ का विमोचन किया गया ।