वैश्विक हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का चौथा दिन (२७ जून) : उद्बोधन सत्र – ओटीटी एवं हिन्दी फिल्मजगत्
विद्याधिराज सभागार – विश्व में कहीं पर भी ‘हिन्दू आतंकवाद’ का अस्तित्व नहीं है । अमेरिका की आतंकवादियों की सूची में अथवा ‘विकीपीडिया’ पर प्रकाशित आतंकियों की सूची में कहीं पर भी ‘हिन्दू आतंकवाद’, ऐसा उल्लेख नहीं है; परंतु भारत में आतंकवाद की झूठी कथाएं तैयार की गई हैं । एक ओर ‘आतंकियों का धर्म नहीं होता’, ऐसा कहा जाता है; जबकि दूसरी ओर हिन्दू आतंकवाद की झूठी कथाएं तैयार की जाती हैं । ‘द वायर’, इस समाचार जालस्थल पर ‘आतंकवाद’ तथा ‘कट्टरतावादी’ भिन्न-भिन्न होने की बात कही गई है तथा उनकी लडाई भारत सरकार के साथ उनके अधिकारों की लडाई होने का आभास उत्पन्न किया जा रहा है । ‘बीबीसी’ समाचारवाहिनी पर हमास जैसे आतंकी संगठनों का उल्लेख ‘उग्रवादी’ (मिलिटंट), ऐसा किया जाता है । उनकी दृष्टि में कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का नरसंहार करनेवाले आतंकी नहीं हैं; परंतु हिन्दुओं को आतंकी प्रमाणि किया जाता है । इस प्रकार से झूठी कथाएं तैयार की जाती हैं ।
काँग्रेस ने मुसलमानों को दिए गए आश्वासन के कारण ही स्वतंत्रताप्राप्ति के उपरांत भारत हिन्दू राष्ट्र नहीं हुआ !
‘जमियत उलेमा ए हिंद’के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने एक सार्वजनिक सभा में कहा कि, ‘काँग्रेस को स्वतंत्रता मिलने से पूर्व ही मुसलमानों को आश्वासन दिया गया था कि भारत को हिन्दू राष्ट्र नहीं बनने दिया जाएगा । इसीलिए भारत ‘हिन्दू राष्ट्र’ नहीं हुआ । संविधान की धारा ३६८ के अनुसार सरकार को संविधान बदलने का संपूर्ण अधिकार है । संविधान में अब तक १०६ बार परिवर्तन हो चुका है, तब १०७ वां परिवर्तन कर भारत को ‘हिन्दू राष्ट्र’ बना ही सकते हैं ।
सामाजिक माध्यमों पर एक वीडियो प्रसारित किया जा रहा है जिसमें एक छोटी लडकी कह रही है ‘मोदी आने के उपरांत भारत की ‘प्रति व्यक्ति आय’ (per capital income) अल्प हो गई है ।’ जब उससे पूछा गया कि ‘प्रति व्यक्ति आय’ का अर्थ क्या है ? पहले ‘प्रति व्यक्ति आय’ कितनी थी ? और अब कितनी है ?, तो वह उन प्रश्नों के उत्तर नहीं दे पाई । हिन्दुओं को ध्यान में रखना चाहिए कि इसप्रकार के झूठे कथानक फैलाए जा रहे हैं ।