सनातन संस्था द्वारा निर्धन बच्चों को सनातन की ‘संस्कार बहियों’ और ग्रंथों का निःशुल्क वितरण

सनातन संस्था द्वारा समय-समय पर समाजोपयोगी उपक्रम चलाए जाते हैं । बच्चों में व्यक्तित्व का विकास हो और अध्ययन में उन्हें सहायता मिले; इस दृष्टि से इन ग्रंथों का वितरण किया गया ।

श्री क्षेत्र द्वारापुर, धारवाड (कर्नाटक) के संत श्री परमात्माजी महाराज ने की वाराणसी के सनातन के सेवाकेंद्र से सद्भावना भेंट !

‘‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने २० वर्ष पूर्व हिन्दू राष्ट्र के विषय में बताय था, अब उसकी केवल समाज को नहीं, अपितु संतों को भी प्रतीति होने लगी है’’, ऐसा प्रतिपादन श्री क्षेत्र द्वारापुर, धारवाड (कर्नाटक) के ‘श्री परमात्मा महासंस्थानम्’ के संस्थापक श्री परमात्माजी महाराज ने किया ।

सनातन के ‘ज्ञानशक्ति प्रसार अभियान’ को कोलकाता के पू. संत स्वामी श्री कल्याणेश्वरजी महाराज के आशीर्वाद

स्वामीजी को सनातन के ग्रंथ भेंट किए गए । उन्होंने उनमें से कुछ ग्रंथ उत्सुकता से पढे और वे कहने लगे, ‘‘मैं बहुत रुचि से सनातन के ग्रंथ और पाक्षिक ‘सनातन प्रभात’ पढता हूं ।’’ इससे पूर्व भी विविध कार्याें के लिए स्वामीजी के आशीर्वाद मिले हैं ।

रजा अकादमी पर प्रतिबंध क्‍यों नहीं लगाया जाता ?

सनातन पर प्रतिबंध की आग्रहपूर्वक मांग करनेवालों का मुंहतोड खंडन करनेवाले विधायक मंगलप्रभात लोढा के प्रति सनातन के प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने व्यक्त किया आभार !

धर्मप्रसार का निरंतर कार्य करनेवाले रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम में अनाज अर्पण कर धर्मकार्य में अपना योगदान दें !

संस्था के आश्रमों और सेवाकेंद्रों से निरंतर धर्मप्रसार का कार्य किया जाता है । आज के समय में धर्मग्लानि का काल होने से ‘धर्मप्रसार करना’, काल के अनुसार आवश्यक कार्य बन गया है । ‘‘धर्मप्रसार का कार्य करनेवाले संतों, संस्थाओं अथवा संगठनों को अन्न-अनाज का दान देना’ सर्वश्रेष्ठ दान है ।

वैश्विक महामारी फैलानेवाले ‘कोरोना विषाणु’ के नया प्रकार ‘ओमिक्रॉन विषाणु’ से आध्यात्मिक स्तर पर लडने के लिए यह जप करें !

‘ओमिक्रॉन विषाणु’ का विश्वभर का प्रभाव नियंत्रित हों और उसका प्रसार रुक जाएं, एवं यह नामजप करने के निमित्त से अनेकों को इस आपातकाल में साधना करने की गंभीरता ध्यान में आए और उनके द्वारा साधना आरंभ हो, यही श्रीगुरुचरणों में प्रार्थना !

भारतीयो, २६ जनवरी के ध्वजारोहण के पश्चात जगह-जगह बिखरे ध्वजों की अवमानना से बचने का हम संकल्प करें और ध्वज का गौरव कर अपनी देशभक्ति प्रमाणित करें !

हमारा जन्म इस पवित्र भारत देश में हुआ, क्या वह केवल खान-पान के लिए और ‘मैं एवं मेरा परिवार’, ऐसा संकीर्ण विचार करने के लिए है ? यदि यह देश मेरा घर है, तो धर्म अर्थात मेरे घर के ज्येष्ठ एवं श्रेष्ठ परिजन हैं ! यदि ये दोंनो नहीं, तो आपका जीवन कैसा रहेगा ?

राष्ट्र एवं धर्म प्रेमी बनो !

बच्चों के मन में स्वदेश, स्वधर्म आदि संबंधी प्रेम बढाकर इस संदर्भ में उनके कर्तव्य बतानेवाला सनातन का ग्रंथ !

काल के अनुसार आवश्यक सप्तदेवताओं के नामजप सनातन संस्था के जालस्थल (वेबसाइट) एवं ‘सनातन चैतन्यवाणी’ एप पर उपलब्ध !

भावपूर्ण और लगन के किए गए नामजप के कारण व्यक्ति को हो रहे अनिष्ट शक्तियों के कष्ट का निवारण हो सकता है; परंतु यह बात कई लोगों को ज्ञात न होने से वे अनिष्ट शक्तियों के निवारण हेतु तांत्रिकों के पास जाते हैं । तांत्रिक द्वारा किए जानेवाले उपाय तात्कालिक होते हैं ।

हिन्दू युवा वाहिनी के हिन्दू युवा सम्मेलन व हिन्दू रत्न सम्मान समारोह में सनातन संस्था की श्रीमती प्राची जुवेकर सम्मानित

आज पूरे विश्व में सबसे अधिक युवा हमारे भारत में हैं और युवा ही क्रांति कर सकते हैं । क्रांति के लिए जो आध्यात्मिक बल चाहिए, उसके लिए युवाओं को छत्रपति शिवाजी महाराज से आदर्श लेकर साधना व धर्मानुसार आचरण करना आवश्यक है ।