अधिक मास में सनातन के ग्रंथ एवं लघुग्रंथ अन्यों को देकर सर्वश्रेष्ठ ज्ञानदान का फल प्राप्त करें !
‘१८.७.२०२३ से १६.८.२०२३ के समयावधि में ‘अधिक मास’ है ।’ इस मास में दान करने से उसका फल अधिक मिलता है । इसलिए इस काल में वस्त्रदान, अन्नदान व ज्ञानदान करने का विशेष महत्त्व है । भारतीय संस्कृति में ‘ज्ञानदान’ को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है ।