हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु संगठित प्रयासों की आवश्यकता ! – विजय शर्मा, उपमुख्यमंत्री, छत्तीसगढ

रायपुर में एक दिवसीय छत्तीसगढ हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन !
‘हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति’ की की गई स्थापना !

Sanatan Sanstha At Ram Mandir : रामलला का पुन: राममंदिर में प्रतिष्ठापित होना रामराज्य का आरम्भ ! – श्रीसत्शक्ति (सौ.) बिंदा निलेश सिंगबाल, सनातन संस्था

कलियुगांतर्गत सतयुग की नवनिर्मिति के सूर्योदय का उगम ! – श्रीचित्शक्ति (सौ.) अंजलि मुकुल गाडगिल

अध्यात्म में उच्च स्तर पर होते हुए भी सभी में घुलमिलकर सभी को अपना बनानेवालीं श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली मुकुल गाडगीळजी !

सादगी श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी की एक विशेषता है । उसके साथ उनके खुले स्वभाव एवं सुंदर आचरण का संयोग हुआ है । इसके कारण उनके सान्निध्य में सभी को आनंद मिलता है ।

जब तक देह में प्राण हैं, तब तक मठ-मंदिरों तथा सनातन धर्मरक्षा का व्रत लो ! – महंत सुधीरदासजी महाराज, कालाराम मंदिर, नासिक

राज्‍य स्‍तरीय महाराष्ट्र मंदिर-न्‍यास परिषद ओझर (पुणे) में प्रारम्‍भ !  
मंदिरों की सुरक्षा तथा संरक्षण के लिए राज्‍य भर से ५५० से अधिक श्रद्धालु एकत्रित !

व्यवसाय करते हुए साधना में संतपद प्राप्त करनेवाले कतरास, झारखंड के सफल उद्योगपति एवं सनातन संस्था के ७३ वें (समष्टि) संत पू. प्रदीप खेमकाजी (आयु ६४ वर्ष) !

कतरास, झारखंड के सफल उद्योगपति एवं सनातन संस्था के ७३ वें (समष्टि) संत पू. प्रदीप खेमकाजी से सुश्री (कु.) तेजल पात्रीकर (आध्यात्मिक स्तर ६१ प्रतिशत) द्वारा उनकी साधना से संबंधित सुसंवाद एवं उनकी साधना यात्रा आगे दी है ।

श्रीकृष्ण के आंतरिक सान्निध्य में रहनेवालीं रत्नागिरी की श्रीमती विजया पानवळकर सनातन के १२६ वें संतपद पर हुईं विराजमान !

साधना में निरंतरता, दृृढता तथा श्रीकृष्ण के निरंतर आंतरिक सान्निध्य में रहनेवालीं यहां की सनातन की साधिका श्रीमती विजया वसंत पानवळकर (आयु ८४ वर्ष) सनातन के १२६ वें संतपद पर विराजमान हुईं ।

प्रीति, परिपूर्ण सेवा करना आदि विभिन्न गुणों से युक्त कर्णावती (गुजरात) के श्री. श्रीपाद हर्षे संतपद पर विराजमान !

ईश्वर के निरंतर आंतरिक सान्निध्य में रहनेवाले वडोदरा के सनातन के साधक श्री. श्रीपाद हर्षे (आयु ८९ वर्ष) सनातन के १२७ वें संतपद पर विराजमान हुए ।

‘सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी ने स्वयं मेरे व्यवसाय का भार लेकर मुझे साधना करने हेतु समय दिया’, ऐसा भाव रखनेवाले सनातन संस्था के ७३ वें (समष्टि) संत पू. प्रदीप खेमकाजी 

सुश्री (कु.) तेजल पात्रीकर (आध्‍यात्मिक स्तर ६१ प्रतिशत) ने ११.१०.२०२१ को कतरास (झारखंड) के सफल उद्योगपति एवं सनातन संस्था के ७३ वें संत (समष्टि) पू. प्रदीप खेमकाजी तथा उनके परिवार के साथ भेंटवार्ता की । इस भेंटवार्ता से उनकी साधनायात्रा के कुछ अंश यहां प्रस्तुत हैं… ।

साधना कर संतपद प्राप्त करनेवाले कतरास, झारखंड के सफल उद्योगपति एवं सनातन संस्था के ७३ वें (समष्टि) संत पू. प्रदीप खेमकाजी (आयु ६४ वर्ष) !

पू. प्रदीप खेमकाजी एक उद्योगपति हैं । उन्होंने साधना में संतपद प्राप्त किया है तथा उन्होंने अपने व्यवसाय में भी बहुत अच्छी प्रगति की है । उन्होंने ये दोनों बातें कैसे साध्य की, इस संबंध में उन्हीं के शब्दों में सुनेंगे ।