हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हेतु संगठित प्रयासों की आवश्यकता ! – विजय शर्मा, उपमुख्यमंत्री, छत्तीसगढ

  • रायपुर में एक दिवसीय छत्तीसगढ हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन !

  • ‘हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति’ की की गई स्थापना !

दीपप्रज्वलन करते हुए बाईं ओर से श्री. मदनमोहन उपाध्याय, पू. अशोक पात्रीकरजी, पं. नीळकंठ महाराज, पू. रामबालकदासजी महाराज, पू. युधिष्ठिरलालजी महाराज एवं श्री. सुनील घनवट

रायपुर (छत्तीसगढ) – ईसाई मिशनरियों, नक्सलियों, जिहादियों, धर्मनिरपेक्षतावादियों एवं खालिस्तानवादियों का अशोभनीय गठबंधन हिन्दू धर्म नष्ट करने का काम कर रहा है; इसलिए हिन्दू संगठनों, संतों, कार्यकर्ताओं एवं अधिवक्ताओं का गठबंधन बनाकर हिन्दू राष्ट्र स्थापना हतेु संगठिन प्रयास करने आवश्यक हैं, ऐसा आवाहन छत्तीसगढ राज्य की नवनिर्वाचित भाजपा सरकार में उपमुख्यमंत्री श्री. विजय शर्मा ने यहां किया । शदानी दरबार में आयोजित एक दिवसीय छत्तीसगढ राज्यस्तरी हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन को संबोधित करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे ।

पू. शदानी दरबार तीर्थ, श्री नीळकंठ सेवा संस्थान, मिशन सनातन एवं हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त आयोजन में इस अधिवेशन का आयोजन किया गया था । पू. युधिष्ठिरलाल महाराज, पू. रामबालकदास महात्यागी, पं. नीळकंठ त्रिपाठी महाराज एवं पू. अशोक पात्रीकरजी इन संतों के करकमलों से दीपप्रज्वलन कर इस हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का आरंभ किया गया । इस अधिवेशन में श्रीरामजन्मभूमि की लडाई पर आधारित ‘६५९’, इस फिल्म के निर्माता श्याम चावला, भाजपा के वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद उपासनी, सीए एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अमिताभ दुबे, शिवसेना रायपुर के आशिष परेडासहित राज्य के १२ से भी अधिक जिलों से आए धर्मप्रेमी, विभिन्न हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि, कार्यकर्ता, आचार्य, महंत, अधिवक्ता, प्राध्यापक आदि सहभागी थे ।

आनेवाले समय में रामराज्य भी आएगा ! – उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा

उपमुख्यमंत्री श्री. विजय शर्मा ने आगे कहा कि जिस प्रकार संपूर्ण विश्व में बिखरे ज्यूओं ने इजराइल बनाने का संकल्प लिया, उसी प्रकार से हिन्दू भी उनका संकल्प भूले नहीं हैं । आज श्रीराममंदिर साकार हुआ है । उससे अगला संकल्प भी निश्चितरूप से पूर्ण होगा; परंतु उसके लिए निरंतर संघर्ष करने की आवश्यकत ाहै । इस भूमि ने छत्रपति शिवाजी महाराज का हिन्दवी स्वराज देखा है तथा आनेवाले समय में रामराज्य भी आनेवाला है ।

वक्फ कानून को रद्द करने हेतु प्रत्येक हिन्दू को प्रयास करने चाहिएं !

उपस्थित धर्मप्रेमी

उपमुख्यमंत्री श्री. विजय शर्मा ने कहा कि आज के समय में वक्फ कानून की आड में हिन्दुओं की भूमि अवैधरूप से हडप ली जा रही है । हिन्दुओं के मंदिरों को नियंत्रण में लिया जा रहा है । इस काले कानून को हटाने हेतु प्रत्येक गांव के हिन्दुओं को प्रयास करने आवश्यक हैं ।

सभा के आरंभ में सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के संदेश का वाचन किया गया ।

पू. डॉ. आठवलेजी तथा संतों के नेतृत्व में चलाया जा रहा यह अभियान निश्चितरूप से सफल होगा ! – पू. युधिष्ठिरलाल महाराज

पू. युधिष्ठिरलाल महाराज

शदानी दरबार के पू. युधिष्ठिरलाल महाराज ने कहा कि हम एक महान प्राचीन संस्कृति के अनुयायी होते हुए भी हम संगठित नहीं हो सके, अपना राष्ट्र स्थापन नहीं कर पाए तथा हिन्दू धर्म की ध्वजा नहीं फहरा पाएं । प.पू. डॉ. आठवलेजी एवं संतों के नेतृत्व में चलाया जा रहा यह अभियान निश्चितरूप से सफल होगा तथा भारत हिन्दू राष्ट्र बनेगा । हिन्दू जनजागृति समिति एवं पू. शदानी दरबार तीर्थ ये संगठन धर्मग्रंथों, संतों एवं दैवीय शक्तियों को अधिक महत्त्व देते हैं । इससे हमें मिलनेवाली दैवीय शक्ति शास्त्रों से भी अधिक महत्त्वपूर्ण है ।

आध्यात्मिक बल पर ही रामराज्य के समान आदर्श हिन्दू राष्ट्र साकार होगा ! – पू. अशोक पात्रीकरजी

पू. अशोक पात्रीकरजी

सनातन संस्था के धर्मप्रचारक संत पू. अशोक पात्रीकरजी ने कहा कि आज के समय में निर्मित श्रीराममंदिर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना की नींव है; परंतु कोई आकर हमें हिन्दू राष्ट्र उपहार के रूप में नहीं देगा, अपितु उसके लिए बलिदान देना पडेगा । हमें स्वयं में धार्मिक आचरण एवं साधना कर आध्यात्मिक बल उत्पन्न करना पडेगा । इस आध्यात्मिक बल पर ही रामराज्य के समान आदर्श हिन्दू राष्ट्र साकार होगा ।

१. उद्घाटन के सत्र में ‘राज्य को नियंत्रित करने हेतु धार्मिक सत्ता की आवश्यकता’ विषय पर पू. रामबालकदास महात्यागी महाराज, ‘वक्फ बोर्ड का लैंड जिहाद’ विषय पर श्री. सुनील घनवट, ‘मंदिरों का संगठन तथा मंदिर सनातन धर्म के प्रसार के केंद्र कैसे बने ?’ विषय पर श्री. मदन मोहन उपाध्याय, ‘हिन्दू संगठन में संतों की भूमिका तथा संतों का कार्य’ विषय पर पंडित नीळकंठ त्रिपाठी महाराज, ‘हिन्दुओं में भेदभाव करनेवाले बुद्धिभ्रम का सामना कैसे करें ?’ विषय पर श्री. संतोष तिवारी, ‘हिन्दू संगठन हेतु माध्यम व्यवस्थापन की आवश्यकता’ विषय पर श्री. अमित चिमनानी आदि मान्यवर वक्ताओं ने विचार व्यक्त कर उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों का उद्बोधन किया ।

२. ‘हिन्दू धर्म पर होनेवाले आघातों के विरोध में किए गए क्रियाशील प्रयास’ विषय पर आयोजित विचारगोष्ठी में रणरागिनी ज्योति शर्मा, श्रीमती शर्मा, आचार्य शशिभूषण मोहंती, धर्मसेना के अध्यक्ष श्री. विष्णु पटेल, गोरक्षक श्री. अंकित द्विवेदी आदि मान्यवरों ने उनके अनुभवों पर आधारित धर्मांतरण, लव जिहाद, गोहत्या आदि समस्याओं पर मार्गदर्शन किया ।

३. सामूहिक प्रयास करने हेतु ‘हिन्दू राष्ट्र समन्वय समिति’ की स्थापना कर हिन्दू राष्ट्र की स्थापना होनेतक संगठित प्रयास करने का संकल्प लिया गया । भगवान के चरणों में प्रार्थना एवं प्रतिज्ञा लेकर इस हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का समापन हुआ ।