सनातन के आश्रम : रामराज्य की (हिन्दू राष्ट्र की) प्रतिकृति !
हिन्दू राष्ट्र के प्रेरणास्रोत सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के मार्गदर्शन में तैयार सनातन के आश्रमों में अनेक साधकों को चैतन्य, आनंद एवं शांति की अनुभूतियां होती हैं ।
हिन्दू राष्ट्र के प्रेरणास्रोत सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के मार्गदर्शन में तैयार सनातन के आश्रमों में अनेक साधकों को चैतन्य, आनंद एवं शांति की अनुभूतियां होती हैं ।
सनातन के आश्रमों में विविध जाति-पंथों के साधक आनंद से आश्रमजीवन व्यतीत कर रहे हैं । यहां आध्यात्मिक प्रगति हेतु पोषक वातावरण होता है ।
भोपाल के निर्माणकार्य व्यवसायी श्री. रघुनंदन सिंह राजपूत ने कुछ दिन पूर्व रामनाथी, गोवा के सनातन के आश्रम में सद्भावना भेंट की । इस अवसर पर उनके साथ उनके परिजन तथा मित्र उपस्थित थे ।
आश्रम में पूर्णकालीन साधना करनेवाले साधक अत्यंत अनुशासन एवं निःस्वार्थ भाव से रसोई, ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिक, ग्रंथ, तांत्रिक सेवाएं, हिन्दू धर्म का प्रचार-प्रसार ऐसी अनेक सेवाएं करते हैं । – श्री. रघुनंदन सिंह राजपूत
महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय का समग्र कार्य देखकर उन्होंने अपना मनोगत व्यक्त करते हुए कहा, ‘गुरुदेवजी (सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी) आज के समय के लिए आवश्यक कार्य ही कर रहे हैं, जिसकी आज की पीढी के लिए बहुत आवश्यकता है ।’
भारताचार्य सु.ग. शेवडे (आयु ८९ वर्ष) ने १९ अक्टूबर २०२३ को यहां स्थित सनातन के आश्रम का अवलोकन किया । इस अवसर पर उन्होंने आश्रम में चल रहे राष्ट्र एवं धर्म से संबंधित कार्य की जानकारी ली ।
१६ से २२ जून २०२३ की अवधि में विद्याधिराज सभागार, रामनाथी, गोवा में ११ वां अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन (वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव) संपन्न हुआ । इस अधिवेशन में सहभागी हुए संत एवं हिन्दुत्वनिष्ठों ने रामनाथी, गोवा स्थित सनातन के आश्रम का अवलोकन किया ।
‘भारतीय संस्कृति संस्कारों पर आधारित है; परंतु आज के कलियुग में नैतिक मूल्यों का पतन होने से संस्कार-मूल्य भी समाप्त हो चुके हैं । इसका परिणाम युवा पीढी पर दिखाई देता है । उसके कारण ‘उनका भविष्य संकट में है’, ऐसा कहना अनुचित नहीं है ।
पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा बिहार के भाजपा के विधान परिषद के विधायक श्री. संजय पासवान ने रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम का अवलोकन किया । आश्रम का अवलोकन करने के उपरांत अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘इस आश्रम में चल रहा कार्य अद्भुत है ।
सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी के कृपाशीर्वाद से इस कार्यालय का चैतन्यमय एवं पवित्र वास्तु में रूपांतरण हुआ ।