­व्यायाम करने के लिए आयु का कोई बंधन नहीं है !

वर्तमान में आधुनिकीकरण से उत्पन्न शारीरिक समस्याओं के समाधान के रूप में ‘व्यायाम’ एक प्रभावी माध्यम सिद्ध हुआ है । वर्तमान समय में होनेवाली अनेक शारीरिक समस्याओं के लिए औषधीय चिकित्सा के साथ ही अन्य अनेक विकल्प चुने जाते हैं; परंतु बिना व्यायाम के ये सभी उपाय अधूरे सिद्ध होते हैं । इस स्तंभ से हम व्यायाम की आवश्यकता एवं महत्त्व की जानकारी प्राप्त करेंगे, साथ ही व्यायाम से संबंधित शंकाओं का समाधान भी करेंगे ।

कु. वैदेही शिंदे

‘व्यायाम का लाभ सभी आयु समूह के लोगों को मिलता है । वास्तव में देखा जाए, तो ढलती आयु में भी व्यायाम से स्वास्थ्य लाभ होता है । यदि कोई बडी बीमारी न हो, तो १५ से ८० वर्ष के मध्य की किसी भी आयु में व्यायाम करने से मांसपेशियां एवं जोड सशक्त बने रहने में सहायता मिलती है, शरीर के संतुलन में सुधार आकर नीचे गिरने की संभावना अल्प रहती है, साथ ही हृदय एवं फेफडे स्वस्थ रहते हैं । ढलती आयु में उत्पन्न होनेवाली मांसपेशियों की कठोरता के लिए (Stiffness के लिए) तो व्यायाम एक रामबाण समाधान है ।

आपकी आयु चाहे कितनी भी हो; परंतु व्यायाम का आनंद उठाने में विलंब नहीं हुआ है । अपनी स्वयं की क्षमता के अनुसार व्यायाम करना आरंभ करें तथा कोई शारीरिक कष्ट हो, तो व्यायाम का नया प्रकार आरंभ करने से पूर्व डॉक्टर से परामर्श लें !

– कु. वैदेही शिंदे, भौतिकोपचार (फिजियोथेरपी) अध्येता, फोंडा, गोवा. (११.८.२०२४)