सियालकोट (पाकिस्तान) में २ मुसलमानों द्वारा ईसाई मजदूरों की हत्या !

मुसलमान बहुसंख्यक देश में अल्पसंख्यक हिन्दू, ईसाई आदि धर्मियों की निरंतर हत्या कैसे हो रही है ?, ‘भारत के अल्पसंख्यक समाज को संकट है’, ऐसा विवरण प्रकाशित करनेवाले अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के ध्यान में यह प्रश्न क्यों नहीं आता ?

कैनडा में सिक्ख नेता की गोली मारकर हत्या

वर्ष १९८५ के ‘कनिष्क’ इस एअर इंडिया के विमान में बमविस्फोट करने के प्रकरण से निर्दोष मुक्त हुए आरोपी रिपुदमन सिंह मलिक नामक सिक्ख नेता की १४ जुलाई की रात कैनडा के वैंकुवर में गोलियां चलाकर हत्या कर दी गई ।

उदयपुर (राजस्थान) में मुसलमानों द्वारा एक हिन्दू का शिरच्छेद

मुसलमानों को भीड द्वारा मारे जाने पर हिन्दुओं को असहिष्णु कहनेवाले धर्मनिरपेक्षतावादी और आधुनिकतावादी अब कहां हैं ? ऐसी घटनाओं का होना हिन्दू राष्ट्र के निर्माण को अपरिहार्य बना देता है !

अमरावती के वैद्यकीय व्यावसायिक की निर्मम हत्या के संबंध में ६ कट्टरपंथियों को पकडा

हत्याकांड के कट्टरपंथियों को शरीयत कानून के अंतर्गत हाथ-पैर तोडने की या भरे चौक में बांधकर उनपर पत्थर फेंकने की सजा की कोई मांग करे, तो आश्चर्य न होगा !

रा.स्व. संघ के १३ स्वयंसेवकों की निर्दोष मुक्तता !

गत १४ वर्षों में निर्दोषों ने जो कुछ भी भोगा है, उसकी हानि भरपाई की जानी चाहिए । इस संबंध में केंद्र सरकार को अब कानून बनाना चाहिए !

जपान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्त्या

इस घटना से सम्पूर्ण जपान कांप उठे । आबे आजतक सर्वाधिक समय प्रधानमंत्री पद पर रहे जपान के प्रथम और एकमेव प्रधानमंत्री है ।

कन्हैयालाल की हत्या का विरोध करने पर वडोदरा (गुजरात) में मुसलमान नेता ने दी भाजपा नेता को जान से मारने की धमकी !

पूरे देश में हिन्दुओं को ऐसी धमकियां मिल रही हैं । क्या कट्टरपंथी मुसलमानों ने अब हिन्दुओं के विरुद्ध धार्मिक युद्ध की घोषणा कर दी है ?

मंदिर में सोए हुए युवक की अज्ञात लोगों द्वारा सिर काटकर हत्या

घर में गर्मी होने के कारण पंकज मंदिर में आकर सोया था; वहां कुछ अज्ञात लोगों ने उसकी हत्या कर दी।

उदयपुर हत्याकांड में सम्मिलित थे २ मौलवी और २ अधिवक्ता !

जिहादी गतिविधियों में उच्च शिक्षित अधिवक्ताओं की भागीदारी को देखते हुए ´´ मुसलमानों को मुख्यधारा में लाकर ही उनकी, अपराधों में हो रही वृद्धि को कम किया जा सकता है? ऎसा तर्क देने वालों का अब क्या कहना है ?