उदयपुर हत्याकांड में सम्मिलित थे २ मौलवी और २ अधिवक्ता !

(मौलवी अर्थात इस्लाम के धर्मगुरु )

जयपुर : उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड की जांच में बहुत कुछ उजागर हुआ है। उदयपुर के दो मौलवियों रियासत हुसैन और अब्दुल रज्जाक ने हत्या के आरोपी मोहम्मद गौस को दावत-ए-इस्लामी प्रशिक्षण के लिए पाकिस्तान भेजा था। गौस के साथ मुख्य आरोपी रियाज अत्तारी और अख्तर रजा भी पाकिस्तान गए थे। सभी पांचों को राष्ट्रीय अन्वेषण संस्था  ने बंदी बनाया है। सूत्रों के अनुसार  षड्यंत्र में दो अधिवक्ता  भी सहभागी थे । उन्हें भी बंदी बना लिया गया है ।

हत्या का नियोजन करने के लिए  हुई थी बैठक !

हत्या में सहभागी आरोपियों की एक बैठक हुई, जिसमें रियाज अत्तारी ने कन्हैयालाल की हत्या करने का उत्तरदायित्व लिया था । बैठक में रियाज, मोहम्मद गौस, आसिफ और मोहसिन ने भाग लिया। हत्या का षड्यंत्र कन्हैयालाल की दुकान से थोड़ी दूरी पर मोहसिन की दुकान के सानिध्य में स्थित आसिफ के कमरे में रची गई थी। राजस्थान के आतंकवाद निरोधी दल ने मोहसिन और आसिफ को भी बंदी बनाया है। आसिफ और मोहसिन दोनों का हत्या से लेकर धारदार शस्त्र  बनाने तक षड्यंत्र में सहभाग था। जिस गली में कन्हैयालाल की दुकान थी, उसकी जानकारी गली में आने जाने के कारण, रियाज और मोहम्मद गौस को पहले से ही थी ।

संपादकीय भूमिका

  • ‘आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता’ ? ऎसा कंठनाद करने वालों का अब क्या कहना है !
  • दो मौलिवीयों के हत्याकांड में सहभागी होने के कारण, यदि कोई मांग करे कि मदरसों और मस्जिदों में क्या पढ़ाया जाता है , इसका अन्वेषण हो ? तो इसमें क्या चूक ?
  • जिहादी गतिविधियों में उच्च शिक्षित अधिवक्ताओं की भागीदारी को देखते हुए ´´ मुसलमानों को मुख्यधारा में लाकर ही उनकी, अपराधों में हो रही वृद्धि को कम किया जा सकता है? ऎसा तर्क देने वालों का अब क्या कहना है ?