गोधरा (गुजरात) : यहां के रेलवे स्टेशन पर वर्ष २००२ में साबरमती एक्सप्रेस के ५९ कार सेवकों को (अयोध्या में श्री राम मंदिर के लिए आंदोलनकारी) जिंदा जलाने के मामले में आरोपी रफीक भाटुक को दोषी ठहराकर यहां के सत्र न्यायालय ने आजन्म कारावास की सजा सुनाई । इस घटना के १९ वर्ष के बाद रफीक को गोधरा में गिरफ्तार किया गया था । वह इस मामले में दोषी ठहराया गया ३५ वें आरोपी हैं । इसके पूर्व मार्च २०११ में विशेष न्यायालय ने ३१, २०१८ में २ एवं २०१९ में एक आरोपी को दोषी ठहराया गया था ।
Rafik Bhatuk was accused of being involved in the case of torching of a train returning from Ayodhya with 'karsevaks' on February 27, 2002, killing 59 of them. https://t.co/q5sxs7YZBB
— Economic Times (@EconomicTimes) July 3, 2022
संपादकीय भूमिकाऐसे लोगों को फांसी की ही सजा योग्य थी, ऐसे जनता को लगता है! |