Hindu Mandir In Pakistan : पाकिस्तान के श्री हिंगलाजमाता मंदिर से श्रीराम मंदिर के लिए भेजा जाएगा जल !

देवी सती को समर्पित ५१ शक्तिपीठों में से यह एक है । यहां पर इस देवी को श्री हिंगलाजदेवी अथवा श्री हिंगुलादेवी ऐसा भी कहा जाता है ।

Ramlala Pran Pratishtha : श्रीराम के खुले नेत्र दिखानेवाली मूर्ति का छायाचित्र प्रसारित करनेवालों की पूछताछ होनी चाहिए !

श्रीरामजन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की मांग !

Jhameli Baba : बिहार के झमेली बाबा ३१ वर्षाें के उपरांत अन्नग्रहण करेंगे !

श्री रामलला जब तक मंदिर में स्थापित नहीं होंगे, तब तक अन्नग्रहण न करने का किया था निर्धार

संपादकीय : मंदिर की अग्रपूजा में भ्रष्टाचार !

‘मंदिरों का सरकारीकरण, व्यवस्थापन के लिए न होकर ‘भ्रष्टाचार के लिए और एक आय के साधन’ से अलग कुछ नहीं, उन मंदिरों की यही दुःस्थिति है ।

PM Modi Kerala Visit : प्रधानमंत्री मोदी ने केरल के गुरुवायुर मंदिर में पूजा की !

इसी प्रकार, उन्होंने त्रिशूर के श्रीराममंदिर में भी जाकर पूजा-अर्चा की ।

वामपंथी इतिहासकारों ने लोगों को भ्रमित किया ! – के.के. मोहम्मद, पूर्व निदेशक, भारतीय पुरातत्व विभाग

इस खुदाई में हमें मंदिर के स्तंभों के नीचे ईटों की एक रचना दिखी । मुझे मस्जिद की दीवार में मंदिर के स्तंभ दिखाई दिए । स्तंभ के निचले भाग में ११ वीं एवं १२ वीं शताब्दी के मंदिर में दिखनेवाले संपूर्ण कलश दिखाई दिए ।

अयोध्या का राममंदिर और इतिहास के स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जानेवाला सोमपुरा घराने का अद्वितीय कार्य !

अयोध्या के राममंदिर का ढांचा (डिजाइन) वास्तु शिल्पकार श्री. चंद्रकांत सोमपुरा (आयु ८० वर्ष) ने बनाया ! श्री. चंद्रकांत सोमपुरा ने ३० वर्षाें से भी अधिक काल तक राममंदिर कैसा होना चाहिए, इसपर मन:पूर्वक चिंतन और परिश्रम किए हैं ।

Ayodhya Rammandir Consecration : हम ४ शंकराचार्यों में श्रीराममंदिर के विषय में कोई मतभेद नहीं !

हम ४ शंकराचार्यों के मध्‍य श्रीराममंदिर के विषय पर मतभेद होने का गलत भ्रम फैलाया गया है । हममें कोई मतभेद नहीं है । हमारा इतना ही कहना था कि प्रभु श्रीराम की प्रतिष्ठा शास्त्र के अनुसार हो ।

मंदिर गिराकर बनाई गई ‘ढाई दिन का झोपडा’ नाम की मस्जिद पुन: हिन्दुओं के सुपुर्द करें ! – भाजपा के सांसद रामचरण बोहरा

भाजपा सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि, इस स्थान पर पुनः एक बार संस्कृत मंत्रों की ध्वनि गूंजेगी ।

रामजन्मभूमि आंदोलन में धर्मप्रेमी हिन्दुत्वनिष्ठों का अमूल्य योगदान !

उन दिनों में श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन प्रतिदिन तीव्र बनता जा रहा था तथा उसका नेतृत्व विश्व हिन्दू परिषद ने (विहिप ने) किया था । रा.स्व. संघ इस आंदोलन का समर्थन करे, यह विहिप की अपेक्षा थी तथा संघ ने वैसा किया भी । जिस परिसर में विहिप का कार्य अल्प था अथवा नहीं था, वहां संघ ने दायित्व लिया ।