इसरो के वैज्ञानिकों ने तिरुपति जाकर मंदिर में अर्पण की ‘आदित्य एल १’ की प्रतिकृति !

इसरो के वैज्ञानिक, वैज्ञानिक होते हुए भी आस्तिक हैं । भारत के ढोंगी धर्म निरपेक्षतावादी एवं आधुनिकतावादियों ने देश में ऐसी विचारधारा निर्माण की है कि वैज्ञानिक व्यक्ति को नास्तिक ही होना चाहिए । यह किस प्रकार झूठा है ?, इसरो के वैज्ञानिकों के इस कृत्य से यह ध्यान में आता है !

विशाखापट्टनम (आंध्र प्रदेश) में मंदिर की दानपेटी में मिला १०० करोड रुपए का धनादेश (चेक); परंतु बैंक खाते में केवल १७ रुपए !

यह हिन्दुओं के लिए लज्जास्पद है, कि इस देश में भगवान के साथ ऐसा छल हो रहा है !

‘ओ माय गाड २’ में भगवान शिव को खाद्यपदार्थ क्रय करते हुए दिखाया !

देवताओं का मानवीकरण कर उनका अनादर करनेवाले चलचित्रों पर हिन्दुओं द्वारा बहिष्कार करने से आश्‍चर्य नहीं लगेगा !

पलानी मुरुगन मंदिर में ‘अहिन्दुओं को प्रवेश नहीं’, ऐसा फलक पुन: लगाएं !

मद्रास उच्च न्यायालय के मदुराई खंडपीठ के न्यायमूर्ति एस्. श्रीमथी ने पलानी मंदिर भक्ति संगठन के संयोजक डी. सेंथिलकुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया ।

कर्नाटक में चिकमंगलुरु के देवीरम्मा मंदिर में वस्त्रसंहिता लागू !

इसका आदर्श कर्नाटक के अन्य मंदिरों को भी लेना चाहिए !

धर्माचरण एवं धर्मरक्षा द्वारा हिन्दू राष्ट्र की ओर अग्रसर !

गोमंतक की पावन भूमि पर १६ से २२ जून २०२३ की अवधि में अत्यंत उत्साह में एकादश ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’, अर्थात ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ संपन्न हुआ । इस महोत्सव में देश-विदेश के मान्यवरों ने विविध विषयों पर विचार-मंथन किए ।

बंगाल में मुहर्रम के लिए प्रशासन द्वारा रोके गए एक मंदिर को भाजपा के विरोध के उपरांत खोल दिया गया है !

बंगाल में हिन्दू विरोधी तृणमूल कांग्रेस सरकार सत्ता पर है । इसलिए ऐसी घटनाएं हो रही हैं एवं अन्य  निधर्मी राजनीतिक दल मौन रहते हैं !

१५ जनवरी २०२४ को अयोध्या के राममंदिर में प्रतिमा की स्थापना का समारोह होगा !

इस महोत्सव के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित किया गया है । मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने यह जानकारी दी है ।  

दरभंगा (बिहार) में दुर्गामाता मंदिर के सामने  मुसलमान ध्वज लगाने हेतु हिन्दुओं द्वारा विरोध करने पर मंदिर पर पथराव  !

बहुसंख्यक हिन्दुओं के देश में असुरक्षित हिन्दू एवं उनके मंदिर ! यह स्थिति हिन्दुओं के लिए लज्जाजनक !

मंदिरों के उत्सवों में भक्ति के स्थान पर शक्ति का प्रदर्शन करनेवाले मंदिर बंद करने चाहिए ! – मद्रास उच्च न्यायालय

 हिन्दुओं की श्रद्धा है कि उनके मंदिर बंद करने के विषय का निर्णय हिन्दुओं के धर्मगुरु को है !