जापान में बालकों के विचित्र नामों के विरुद्ध सरकार कानून बनाएगी !
अध्यात्मशास्त्र के अनुसार शब्द, स्पर्श, रूप, रस, गंध एवं उनकी शक्ति एकत्रित होती है । इस कारण बालकों के सात्त्विक एवं देवताओं के नाम रखने से उन्हें उसका लाभ होता है ।
अध्यात्मशास्त्र के अनुसार शब्द, स्पर्श, रूप, रस, गंध एवं उनकी शक्ति एकत्रित होती है । इस कारण बालकों के सात्त्विक एवं देवताओं के नाम रखने से उन्हें उसका लाभ होता है ।
संसद के शीतकालीन सत्र में भारत के बाहर रहकर भारत के विरोध में बोलने वाले, अपराध करने के लिए भडकाने वालों पर कार्यवाही कर भारत में लाने के संबंध में संबंधित कानून में बदलाव किया जाने वाला है ।
‘डीपफेक वीडियो’, सिंथेटिक वीडियो (मूल चित्र बदलकर बनाया गया वीडियो) और झूठे वृत्त प्रसारित करने वाले प्रयोगकर्ताओं पर कार्यवाही नहीं की, तो इसके लिए सामाजिक माध्यम ही उत्तरदायी होंगे ।
भारत के कितने हिन्दू प्रतिनिधि पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध आवाज उठाते हैं ?
पुलिस ने कमलेश शुक्ला और आशुतोष तिवारी इन दोनों के विरोध में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कानून के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट किया था ।
’जंक फूड’ स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, यह विश्वप्रसिद्ध होते हुए भी इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता, यह लज्जाजनक है !
अपनी सही पहचान छुपाकर किसी महिला से विवाह करना अथवा उसके साथ शारीरिक संबंध रखना अब अपराध होगा । भारतीय न्याय संहिता की धारा ६९ के अनुसार ऐसा करना प्रताडना माना जाएगा और इस प्रकरण में १० वर्ष की सजा दी जाएगी ।
पूरे देश के सभी राज्यों में मस्जिद, दरगाह एवं मदरसा को इस प्रकार की जानकारी देने के लिए केंद्र सरकार को राष्ट्र-स्तर पर कानून बनाना चाहिए, ऐसी राष्ट्रप्रेमियों की मांग है !
विधि बदलने का काम संसद का है, न्यायालय का नहीं! – सर्वोच्च न्यायालय ने किया स्पष्ट !
राष्ट्रीयता को आधारभूत मानकर कानून एवं न्यायव्यवस्था में परिवर्तन लाना तो आवश्यक है ही; परंतु उसके साथ ही ‘जूता जापानी, पतलून इंग्लिस्तानी’ गीत में तो ठीक हैं; तथापि न्यायव्यवस्था में वेशभूषा एवं हृदय, दोनों भारतीय संस्कृति के अनुसार हों, तो न्यायव्यवस्था की स्थिति में सुधार आएगा !