पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून ईसाई विरोधी होने का आरोप !
वाशिंगटन (अमेरिका) – भारत विरोधी इल्हान उमर सहित ११ अमेरिकी सांसदों ने पाकिस्तान को अमेरिकी वित्तीय सहायता रोकने की मांग की । इन सांसदों का कहना है कि जब तक पाकिस्तान में लोकतांत्रिक व्यवस्था पुनर्स्थापित नहीं हो जाती तथा स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव नहीं हो जाते, तब तक पाकिस्तान को सहायता नहीं दी जानी चाहिए ।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन को लिखे पत्र में सांसदों ने कहा,
१. विदेश मंत्रालय को अभ्यास करना चाहिए कि पाकिस्तान में अमेरिकी सहायता का उपयोग मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए तो नहीं किया जा रहा ?
२. पाकिस्तान की सरकार ने अपने धार्मिक समूहों तथा अल्पसंख्यकों पर अधिक नियंत्रण लाते हुए, अपने ईशनिंदा कानूनों को अधिक कठोर कर दिया है । पाकिस्तानी संसद में संबंधित विधेयक पारित होने के ८ दिनों के भीतर लोगों ने वहां के विभिन्न चर्चों पर आक्रमण कर दिया । जरनवाला में ईसाइयों के घरों में आग लगाई गई थी । यदि यह विधेयक कानून बन गया तो भविष्य में धर्म और आस्था की स्वतंत्रता पर अंकुश लग जाएगा ।
३. १९८७ से मई २०२३ तक २ हजार लोगों पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया है । सेंटर फॉर सोशल जस्टिस ने जानकारी दी है कि इसके कारण ८८ लोगों का नरसंहार हुआ ।
संपादकीय भूमिकाभारत के कितने हिन्दू प्रतिनिधि पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों के विरुद्ध आवाज उठाते हैं ? |